
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री और कांग्रेस विधायक कवासी लखमा को बिलासपुर हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। लखमा द्वारा दायर जमानत याचिका को जस्टिस अरविंद वर्मा की सिंगल बेंच ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मामले की गंभीरता और उपलब्ध साक्ष्यों को देखते हुए लखमा को जमानत नहीं दी जा सकती।
बता दें कि कवासी लखमा को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जनवरी 2025 में 2,161 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले में गिरफ्तार किया था। ईडी का आरोप है कि लखमा ने 2019 से 2022 तक आबकारी मंत्री रहते हुए शराब घोटाले से उत्पन्न अपराध की आय से हर महीने 2 करोड़ रुपये की नकद राशि प्राप्त की। जांच में यह भी सामने आया कि इस राशि का उपयोग सुकमा में कांग्रेस कार्यालय और उनके बेटे के लिए घर बनाने में किया गया।
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी ने दलील दी कि लखमा ने एक संगठित आपराधिक सिंडिकेट के साथ मिलकर अवैध कमीशन और बिना हिसाब-किताब के शराब बिक्री को बढ़ावा दिया, जिससे राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ। कोर्ट ने इन तर्कों और मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए जमानत याचिका को अस्वीकार कर दिया।