सीबीआइ ने गैस अथारिटी आफ इंडिया लिमिटेड (गेल) के निदेशक (विपणन) ईएस रंगनाथन को गिरफ्तार किया है। महारत्न पीएसयू के पेट्रो केमिकल उत्पाद खरीदने वाली निजी कंपनियों को छूट देने के बदले कथित तौर पर 50 लाख रुपये से अधिक की रिश्वत लेने के मामले में यह कार्रवाई की गई है। सीबीआइ ने गेल निदेशक ईएस रंगनाथन, बिचौलियों और व्यापारियों की संलिप्तता वाले कथित घोटाले का पता लगाया और पांच लोगों को गिरफ्तार किया। केंद्रीय एजेंसी ने रंगनाथन के कार्यालय और आवास सहित आठ स्थानों पर छापे मारे थे।
सीबीआइ के प्रवक्ता आरसी जोशी ने कहा, रंगनाथन के परिसरों से छापेमारी के दौरान करीब 1.29 करोड़ रुपये नकद और लगभग 1.25 करोड़ रुपये के सोने के आभूषण एवं अन्य कीमती सामान बरामद किए गए। यह आरोप है कि रंगनाथन महारत्न पीएसयू द्वारा विपणन किए जाने वाले पेट्रो रसायन उत्पादों को खरीदने वाली निजी कंपनियों को दी जाने वाली छूट के संभावित लाभार्थियों से रिश्वत ले रहे थे। यह आरोप लगाया गया है कि रंगनाथन बिचौलिया पवन गौर और दिल्ली के बहादुरगढ़ रोड स्थित ऋषभ पालीकेम प्राइवेट लिमिटेड के निदेश्ाक राजेश्ा कुमार के साथ भ्रष्ट और गैर कानूनी गतिविधियों में लिप्त थे। प्राथमिकी में आरोप है कि कुमार और गौर ने गेल द्वारा विपणन किए जाने वाले पेट्रो रसायन उत्पादों की खरीद कर रही निजी कंपनियों से रिश्वत लेने में रंगनाथन के बिचौलियों के तौर पर काम किया।
सीबीआइ ने आरोप लगाया है कि इस तरह के एक रिश्वत के आदान-प्रदान की सूचना के आधार पर उसकी टीम ने जाल बिछाया। इसमें दो बिचौलियों गौर और कुमार को रंगनाथन के नाम पर ली गई लगभग 10 लाख रुपये की रिश्वत के साथ पकड़ा गया। रंगनाथन और अन्य के खिलाफ श्ाुक्रवार को प्राथमिकी दर्ज करने के बाद सीबीआइ ने दिल्ली में भीकाजी कामा प्लेस स्थित दफ्तर और नोएडा के सेक्टर-62 में उनके आवास सहित दिल्ली-एनसीआर में करीब आठ स्थानों पर छापेमारी की।
एजेंसी ने रंगनाथन के अलावा बिचौलिए गौर और कुमार, एन रामाकृष्ण्ान नायर, कारोबारी सौरभ गुप्ता और उनकी पंचकूला स्थित कंपनी यूनाइटेड पालिमर इंडस्ट्रीज, आदित्य बंसल एवं उनकी कंपनी करनाल स्थित बंसल एजेंसी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। रामकृष्णन नायर पर रिश्वत एकत्र करने का आरोप है।