अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे करने के बाद पहली बार कुंदुज, बल्ख और सर-ए-पुल प्रांतों के स्कूलों में छात्राओं को जाने की अनुमति मिल गई। इसके बाद तीनों प्रांतों के स्कूलों में छात्राओं ने स्कूल पहुंचना शुरू कर दिया है। तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि तालिबान अफगानिस्तान में समावेशी सरकार बनाने के लिए तैयार है, लेकिन चुनाव के लिए नहीं।
बल्ख के प्रांतीय शिक्षा विभाग के प्रमुख जलील सैयद खिली ने बताया कि सभी बालिका विद्यालय खुल गए हैं। लड़कियों और लड़कों के लिए अलग-अलग व्यवस्था की है। बल्ख की राजधानी मजार-ए-शरीफ निवासी छात्रा सुल्तान रजिया ने कहा कि शुरुआत में कुछ छात्राएं ही स्कूल आ रही थीं। अब उनकी संख्या बढ़ रही है।” छात्रा तबसोम ने कहा कि शिक्षा हमारा अधिकार है। हम अपने देश को बेहतर बनाना चाहते हैं और कोई भी हमसे शिक्षा का अधिकार नहीं छीन सकता।” मजार-ए-शरीफ के इस स्कूल में 4,600 से अधिक छात्र व 162 शिक्षक हैं।
गौर हो कि पिछले महीने तालिबान के शिक्षा मंत्रालय ने घोषणा की थी कि केवल लड़कों के स्कूल फिर से खुलेंगे और सिर्फ पुरुष शिक्षक ही ड्यूटी पर लौटेंगे।
उधर, तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कतर की राजधानी दोहा में कहा कि कार्यवाहक सरकार में पुरातन अल्पसंख्यक समुदाय को शामिल किया है और जल्द ही महिलाओं को भी शामिल किया जाएगा। महिलाओं व गैर तालिबानी को कार्यवाहक सरकार में शामिल नहीं किए जाने को लेकर तालिबान की दूसरे देशों के साथ ही अफगानिस्तान के लोगों ने भी आलोचना की है।