नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर भेले की कमजोर पड़ गई हो पर अभी भी खतरा टला नहीं है। डॉक्टरों ने तीसरी लहर से बचने तैयारी शुरू कर दी है। वहीं कोरोना का नया म्यूटेन डेल्टा प्लस के मरीज भी मिलने लगे है। गुरुवार को मध्यप्रदेश के भोपाल में डेल्टा प्लस का मरीज मिला, जिसे मिलाकर देश में अब तक ७ मरीज मिल चुके हैं जो खतरे की घंटी है। वहीं कोरोना से बचाने वैक्सीनेशन तेजी से किया जा रहा है। देश में वैक्सीनेशन के मामले में तटीय राज्य गोवा सबसे आगे है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक गोवा ने अपनी 15.9 लाख की आबादी में से 37.35 फीसदी को कम से कम वैक्सीन की एक डोज लगा दी है। नए आंकड़ों के मुताबिक सिक्किम 37.29 फीसदी आबादी को पहला शॉट देने के साथ ही दूसरे नंबर पर है। वहीं हिमाचल प्रदेश ने अपनी आबादी के 30.35 फीसदी को वैक्सीन की पहली डोज दे दी है, जिसके साथ ही ये पहाड़ी राज्य तीसरे स्थान पर है। केरल जिसने कोरोना संक्रमण के उतार-चढ़ाव को देखा है, 26.23 फीसदी पहली डोज के वैक्सीनेशन के साथ चौथे नंबर पर है. गुजरात ने 2 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज लगाई हैं, और 25.69 फीसदी आबादी को पहली डोज दे चुका है। केरल और गुजरात दोनों के बीच बहुत ज्यादा अंतर नहीं है। दिल्ली सरकार ने 25.39 प्रतिशत आबादी को पहली खुराक दी है. राष्ट्रीय राजधानी की 1.87 करोड़ आबादी में से 47.52 लाख लोगों को पहली डोज दी जा चुकी है। त्रिपुरा और मिजोरम सहित अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों ने अपनी संबंधित आबादी के 29 प्रतिशत और 28 प्रतिशत को पहली डोज लगाई है। उत्तराखंड और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर ने अपनी संबंधित आबादी के 24 प्रतिशत से ज्यादा को पहला टीका लगाया है।
केंद्र शासित प्रदेशों में लक्षद्वीप आगे
लक्षद्वीप और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों में टीकाकरण की दौड़ में सबसे आगे हैं। जहां 73000 से ज्यादा आबादी वाले लक्षद्वीप ने 58 फीसदी अपनी जनसंख्या को वैक्सीन लगाई है. वहीं लद्दाख में भी 54 फीसदी आबादी को पहली खुराक दी जा चुकी है. कर्नाटक ने अब तक अपनी 6.75 करोड़ आबादी में से 22प्रतिशत को, राजस्थान (21प्रतिशत), तेलंगाना (19प्रतिशत), आंध्र प्रदेश (18प्रतिशत), महाराष्ट्र (17प्रतिशत), पंजाब (17प्रतिशत) और ओडिशा (16प्रतिशत) को वैक्सीन की पहली डोज दी है. कुल मिलाकर, भारत ने 21.58 करोड़ या 15.74प्रतिशत लोगों को कोविड -19 वैक्सीन की कम से कम एक डोज दी है।