जब एक बच्चा आपके पास आकर आपसे शिकायत करता है तो आप क्या करते हैं? क्या आप उनकी नकारात्मकता को बढ़ावा देते हैं या उसे सकारात्मकता में ढाल देते हैं? यहां पर आपको एक संतुलित भूमिका निभानी होती है। यदि वे किसी के बारे में आकर नकारात्मक बातें करते है तो आपको सकारात्मकता का दर्पण बनना होगा।
जब हम विश्वास का वातावरण बनाते हैं तो बच्चे बुद्घिमान बनकर बड़े होते हैं। लेकिन यदि हम नकारात्मकता, परेशानी, उदासी और क्रोध का वातावरण बनाते हैं तो वे बड़े होकर यही सब वापस लौटाते हैं। बच्चो में सकारात्मकता लाने के लिए आवश्यक है कि हम उनको अच्छी सोच के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें।