संसार जरूरत के नियम पर चलता है, सर्दियों में जिस सूरज का इंतज़ार होता है, उसी सूरज का गर्मियों में तिरस्कार भी होता है। आपकी कीमत तब होगी जब आपकी जरूरत होगी।
इसी तरह बारिश की बूँदें भले ही छोटी हों.. लेकिन उनका लगातार बरसना बड़ी नदियों का बहाव बन जाता है… वैसे ही हमारे छोटे-छोटे प्रयास भी जिंदगी में बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं।
समय के पास इतना समय नहीं है
कि आपको फिर से समय दे सके!
इसलिए आप जो करना चाहते हैं
वो आज से ही शुरू करें।