
केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को राजनीतिक संगठनों की सूची से हटाने के लगभग दो महीने बाद, उत्तराखंड सरकार ने राज्य कर्मचारियों को इसकी गतिविधियों में भाग लेने की अनुमति दे दी है। अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद बर्धन द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि आरएसएस की शाखाओं और सांस्कृतिक व सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेना अब राज्य के आचरण नियमों का उल्लंघन नहीं माना जाएगा। आदेश में कहा गया है कि राज्य कर्मचारी आरएसएस की शाखाओं और अन्य गतिविधियों में भाग ले सकते हैं, बशर्ते कि इससे उनके आधिकारिक कर्तव्यों में बाधा न आए।
इसमें भाग लेने की अनुमति केवल आधिकारिक कार्य घंटों के बाहर ही दी जाती है, और इस पर प्रतिबंध लगाने वाले सभी पिछले सरकारी आदेशों को रद्द कर दिया गया है। चूंकि आरएसएस को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की वैचारिक नींव के रूप में देखा जाता है, इसलिए इस कदम से राजनीतिक विवाद पैदा होने की उम्मीद है। विपक्षी दलों ने पहले भी आरएसएस को राजनीतिक संगठनों की सूची से हटाने के केंद्र सरकार के फैसले की आलोचना की थी और इसे सरकारी कार्यालयों और कर्मचारियों का राजनीतिकरण करने का प्रयास बताया था।