नई दिल्ली- हाईकोर्ट ने राजधानी में पेड़ों की कटाई का अस्पष्ट एवं बिना सोचे-समझे आदेश पारित करने के लिए वन विभाग की खिंचाई की। न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह विभाग और उसके अधिकारियों के इस तरह का आदेश पारित करने की वजह से ही शहर का वायु का स्तर विषाक्त श्रेणी में पहुंच गया है और वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। उन्होंने इसके साथ ही सुनवाई 8 नवंबर के लिए स्थगित कर दी। न्यायमूर्ति ने अधिकारियों के गैर जिम्मेदाराना रवैये पर कहा कि आप चाहते हैं कि लोग गैस चैंबरों में रहें? आज दिल्लीवासी प्रदूषण के कारण जिस परेशानी में है, उसके लिए आप जिम्मेदार हैं। ऐसी मशीनें हैं जो हवा की गुणवत्ता रिकार्ड करती है। मशीनें अधिकतम 999 रिकार्ड कर सकती है। आज, हम इसे छू रहे हैं.. यह अधिकारियों के बीच संवेदनशीलता की कमी है। उन्होंने यह टिप्पणी पेड़ों की कटाई को लेकर दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए की।