आज आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज की तीसरी किस्त को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कृषि क्षेत्र, फिशरीज, पशुपालन, डेयरी के लिए पैकेज का ब्योरा दिया. वित्त मंत्री ने आज कृषि क्षेत्र को लेकर बड़ी घोषणाएं कीं और कहा कि आज भी भारत की आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि क्षेत्र पर निर्भर है. भारत सबसे ज्यादा दूध, जूट और दालों का उत्पादन करता है. आइए जानते हैं प्रेस कॉन्फ्रेंस की बड़ी बातें:
-कृषि योजनाओं के लिए राहत पैकेज का ऐलान
-वित्त मंत्री का आज एग्रीकल्चर, फिशरीज, पशुपालन, डेयरी के लिए अनाउंसमेंट
-कृषि क्षेत्र के लिए 1 लाख करोड़ की मदद
-किसानों से 74 हजार 300 करोड़ की फसल खरीदी गई.
-सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए कई काम किए
-2 महीने में 18700 करोड़ रुपए किसानों को दिए
-दो करोड़ किसानों को ब्याज में सब्सिडी दी गई.
-लॉकडाउन में भी किसान अपना काम करता रहा है.
-बाढ़-सूखे के बावजूद किसानों का काम बेहतर
-दो करोड़ किसानों को 5 हजार करोड़ का फायदा दिया गया.
-फसल बीमा योजना के तहत 6 हजार 400 करोड़ रुपए
-सूक्ष्म इकाईयों के लिए 10 हजार करोड़ की योजना, सूक्ष्म इकाईयों की मार्केटिंग और ब्रांडिंग का खर्च बढ़ाया जाएगा.
-लॉकडाउन में दुग्ध उत्पादकों को 5 हजार करोड़ अतिरिक्त भुगतान किया गया.
-किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए किसानों को 2 लाख करोड़ रुपए दिए गए.
-हर राज्य के लोकल उत्पादों को ग्लोबल बनाने में मदद दी जाएगी.
– पीएम मत्स्य संपदा योजना के लिए 20 हजार करोड़
-मछली पालन के लिए 20 हजार करोड़ की मदद
-समुद्री मछली पालन के लिए 11 हजार करोड़
-55 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा.
-9000 करोड़ मछली उत्पादन में इंफ्रास्टक्चर निर्माण के लिए
-देश में 53 करोड़ मावेशियों का टीकाकरण किया जाएगा.
-पशुओं की वैक्सीन के लिए 13343 करोड़
-मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ की मदद
-दो लाख से ज्यादा मधुमक्खी पालकों को मिलेगा फायदा
-हर्बल खेती को बढ़ावा देने के लिए 4 हजार करोड़
-किसानों के फायदे के लिए नेशनल कमोडिटी एक्ट में बदलाव
आइये जानते हैं कि वित्त मंत्री ने आज क्या बड़ी घोषणाएं की हैं…
- किसानों, डेयरी, फूड प्रोसेसिंग, मछली पालन और खेती से जुड़े लोगों के लिए आज पैकेज की घोषणा की गई है.
- छोटे, मझोले किसानों के पास 85 फीसदी खेती है.
- बाढ़-सूखे के बीच भी किसानों का काम सबसे बेहतर
- देश दूध, जूट और दालों का सबसे बड़ा उत्पादक
- 560 लाख लीटर दूध रोजाना किसानों से खरीदा जाता है.
- दुग्ध उत्पादकों को 5 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया गया.
- किसान क्रेडिट कार्ड से किसानों को बहुत फायदा हो रहा है.
- दो महीने में किसानों को 18700 करोड़ रुपये दिए गए हैं.
- किसानों से 74300 करोड़ रुपये की फसल खरीदी गई है.
- एक लाख करोड़ रुपये कृषि का आधारभूत ढांचा तैयार करने के लिए दिया गया है.
- इससे कृषि उत्पादों को देश के बाहर भेजने में मदद मिलेगी
- को-ऑपरेटिव और एग्रीकल्चर स्टार्टअप, कोल्डचेन को खड़ा करने की मदद मिलेगी
- फसल बीमा योजना में 6400 करोड़ रुपये दिए गए
- देश में बनेंगे हेल्थ एंड वेलनेस से जुड़े उत्पादों की पैदावार के लिए क्लसटर
- ऑर्गेनिक और हर्बल उत्पादों के लिए 10 हजार करोड़ की मदद
- पीएम मत्सय संपदा योजना के लिए 20 हजार करोड़ रुपये
- समुद्री मछली पालन का इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा होगा
- मछली पालन में मिलेगी मदद
- 70 लाख टन अतिरिक्त उत्पादन होने की उम्मीद
- गाय, भैंस, बकरी उत्पादक जानवरों का टीकाकरण किया जाएगा
- इससे जानवरों के मुंहपका और खुरपका से होने वाले रोगों को दूर किया जाएगा
- 13347 करोड़ का पैकेज, 53 हजार करोड़ पशुओं को मिलेगा टीकाकरण का लाभ
- दुग्ध उत्पादनों की वैश्विक मार्केटिंग के लिए पैकेज की घोषणा
- चार हजार करोड़ रुपये हर्बल खेती के लिए प्रावधान, 10 लाख हेक्टेयर में होगी खेती
- पांच हजार करोड़ रुपये की आय किसानों की होगी
- शहद पालन करने वाले किसानों के लिए भी 500 करोड़ का पैकेज
- 2 लाख शहद पालन करने वाले किसानों को होगा लाभ
- TAM (टौमेटो, ओनियन पोटेटो ) योजना में अन्य फल और सब्जियों को लाया गया है.
- मालभाड़े और कोल्डस्टोरेज करने के लिए सरकार 50-50 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी
- ESMA, 1955 कानून में सरकार संशोधन करने जा रही है
- इसमें तिलहन, दलहन जैसे खाद्यान, टमाटर, आलू और तेल को बाहर किया जा रहा है, ताकि किसान इनको विदेशों में भी बेच सकें.
- जरूरत पड़ने पर इन खाद्यान उत्पादों को ESMA कानून के तहत लाया जा सकता है.
- किसानों के पास अधिकार होगा कि वो अपने उत्पाद को किसी को भी और पूरे देश में कहीं भी बेच सकेंगे.
- इसके लिए सरकार कानून में संशोधन करने जा रही है.