
आप हिमाचल प्रदेश में ठण्डी और खूबसूरत वादियों का मजा लेने जा रहे हैं तो आपको अपनी गाड़ी में अपने कपड़ों के बैग के अलावा एक और खास तरह का बैग रखना होगा। ऐसा ना करने पर आपको हिमाचल में एंट्री नहीं मिलेगी। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने एक नया फैसला सुनाते हुए यह आदेश जारी किया है। सस्टेनेबल टूरिज्म को बढ़ाने के लिए राज्य में आने वाले टूरिस्ट के लिए गार्बेज बैग अनिवार्य कर दिया है ताकि वह अपनी विजिट के दौरान अपने कचरे को वापस ले जा सकें। हिमाचल प्रदेश में हर साल देश-विदेश से लाखों टूरिस्ट घूमने जाते हैं। खासतौर पर गर्मी के मौसम में काफी लोग इस पहाड़ी राज्य घूमने जाते हैं। इतने सारे टूरिस्ट आने के चलते हिमाचल में काफी कचरा इकट्ठा होता है और पहाड़ी पर्यावरण दूषित होने लगता है।
इसी को देखते हुए हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण संबंधी चिंताओं से जुड़ी जनहित याचिकाओं पर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में के जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस सुशील कुकरेजा की बेंच ने आदेश जारी किया है। उन्होंने राज्य में पर्यावरण से संबंधित वेस्ट मैनेजमेंट के सिस्टम में बेहतरी करने के लिए आदेश दिए हैं। इस से पहले हाल ही में उत्तराखंड सरकार ने भी ऐसे ही आदेश जारी किए थे जिस में राज्य में आ रहे पर्यटकों को वाहनों में डस्टबिन या गार्बेज बैग रखना अनिवार्य कर दिया गया है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने इसी साल मार्च में एक मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को राज्य में आने वाले पर्यटकों पर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट चार्ज लगाने को कहा था। इसे दोहराते हुए हाई कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार से कहा है कि कुल्लू, मनाली, सिस्सु और कोकसर में टूरिस्ट पर पहले से ही ग्रीन टैक्स लगाया जा रहा है लेकिन इसका कोई ऑडिट नहीं किया जा रहा है। इससे यह साफ नहीं हो पा रहा कि वेस्ट मैनेजमेंट का सही से इस्तेमाल हो पा रहा है या नहीं। इसलिए सरकार ग्रीन टैक्स के लिए हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल करे। साथ ही हाई कोर्ट ने राज्य में कचरा प्रबंधन के लिए स्पेशल टास्क फोर्स बनाने के लिए भी कहा है। कोर्ट ने राज्य सरकार को भी आदेश दिया कि वो गोवा की तरह म्युनिसिपल वेस्ट मैनेजमेंट कॉरपोरेशन भी बनाए।
पर्यटन हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था का प्रमुख स्तंभ है। यहां हर साल औसतन डेढ़ करोड़ पर्यटक आते हैं, जो राज्य की जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। गर्मियों की छुट्टियों और नए साल के स्वागत के लिए शिमला, मनाली, कुल्लू, धर्मशाला और मैक्लियॉडगंज में भारी भीड़ होती है। धार्मिक पर्यटन के लिए भी हिमाचल एक प्रमुख केंद्र है, जहां लाखों श्रद्धालु आते हैं। पर्यटन उद्योग से हिमाचल प्रदेश में लाखों लोगों को रोजगार मिला है। पिछले दस वर्षों में हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। साल 2013 में जहां 1.55 करोड़ पर्यटक आए थे, वहीं 2023 तक यह संख्या 1.60 करोड़ तक पहुंच गई। इससे पर्यटन को तो गति मिलती है लेकिन लोगों की लापरवाही की वजह से पहाड़ों की प्राकृतिक सुंदरता खराब हो रही है।