अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी आफ सिनसिनाटी की तरफ से किए गए क्लीनिकल परीक्षण में पाया गया कि मध्यम जोखिम वाले सिर व गर्दन के कैंसर पीड़ितों के इलाज में जब इम्यूनोथेरेपी दवाओं का इस्तेमाल किया गया, तो उनके बचने की दर में वृद्धि हुई। अमेरिकन एसोसिएशन फार कैंसर रिसर्च की पत्रिका ‘क्लीनिकल कैंसर रिसर्च” में प्रकाशित इस अध्ययन का नेतृत्व तृषा वाइज-ड्रेपर ने किया। अध्ययन की प्रमुख लेखिका वाइज-ड्रेपर ने कहा कि यह परीक्षण रोगियों के इलाज में पेंब्रोलिजुमाब दवा को शामिल करने पर केंद्रित रहा। यह दवा कीट्रूडा के नाम से बेची जाती है, जो कैंसर इम्यूनोथेरेपी में इस्तेमाल की जाने वाली एक एंटीबाडी है। पेंब्रोलिजुमाब रिसेप्टर्स को निशाना बनाती है, जो बीमारी से लड़ने में मददगार मानव प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचाते हैैं। इसका विकास कई प्रकार के कैंसर के इलाज के लिए किया गया है। यह प्रारंभिक तौर पर सिर व गर्दन के कैंसर के इलाज में भी कारगर साबित हुई है। अध्ययन के प्रारंभिक निष्कर्षों ने बताया है कि यह दवा मरीजों के इलाज में 20 प्रतिशत असरदार साबित हुई है। वाइज-ड्रेपर के अनुसार, ‘हालांकि, हम दावा नहीं कर सकते कि इसके इस्तेमाल से मरीज ठीक हो जाएगा, लेकिन इसने दीर्घकालिक प्रतिक्रिया दी है।”