गुजरात के सूरत निवासी हेमिल अश्विनभाई मंगुकिया की यूक्रेन में मौत हो गई। हेमिल को रूसी कंपनी में नौकरी जॉइन कराई गई थी। बाद में कंपनी ने उसे जंग लड़ने के लिए भेज दिया था। हेमिल को धोखे से वैगनर आर्मी जॉइन करा दी गई थी। मरने से कुछ घंटे पहले हेमिल ने घरवालों से लगभग 2 घंटे बात की थी।
उसके परिजन अतुल मंगुकिया ने बताया- 23 फरवरी को हेमिल के पिता के पास एक फोन आया था। उन्हें बेटे के मारे जाने की जानकारी मिली थी। हमें यकीन नहीं हुआ, इसलिए हमने पूछताछ करवाई। 25 फरवरी को कन्फर्म हुआ कि हेमिल रूस-यूक्रेन जंग में मारा गया है।
अतुल मंगुकिया ने कहा- हेमिल 14 दिसंबर को चेन्नई से रूस रवाना हुआ था। उसे सोशल मीडिया के जरिए रूसी सेना में हेल्पर की नौकरी के बारे में जानकारी मिली थी। रूसी कंपनी के एजेंट्स के कहने पर वो रूस चला गया। पिछले महीने उसके अकाउंट में 2.3 लाख रुपए की सैलरी क्रेडिट हुई थी। हेमिल हर दिन घरवालों को कॉल करता था। मरने से पहले भी उसने घरवालों से करीब 2 घंटे बात की थी। कहा था- मैं ठीक हूं। कॉल रखने के कुछ घंटों बाद ही उसकी मौत हो गई।