अलीगढ़। आज के दौर में इंसान कितना खुदगर्ज हो गया है। सभी को केवल अपनी ही चिंता है। यदि पड़ोस में किसी को कोई परेशानी हो जाए तो कोई मदद करने वाला नहीं। ऐसा ही एक मामला अलीगढ़ से सामने आया था। यहां तो एक परिवार को किसी सामान नहीं बलकि भोजन की जरूरत थी पर पड़ोसियों ने भी मुह मोड़ लिया। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से आखें नम कर देने वाला मामला सामने आया है. परिवार के 6 लोग पिछले 15 दिनों से तड़प रहे थे और किसी ने उनकी मदद नहीं की। एनजीओ हैंड्स फॉर हेल्थ की टीम ने इन सभी लोगों को रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाया. पीड़ितों में एक महिला और उसके पांच बच्चे शामिल है. हैरान कर देने वाली बात ये है कि ये सभी पिछले 15 दिनों से खाने के लिए तड़प रहे थे। एनजीओ के सदस्यों का कहना है कि जब वे लोग पीडि़त परिवार के पास पहुंचे तो उन्हें देखकर सभी रोने लगे। ये लोग भूख से इतने कमजोर हो चुके थे कि उनमें बोलने तक की शक्ति नहीं बची थी. एनजीओ ने तुरंत पुलिस को मामले की खबर दी, जिसके बाद सभी को अस्पताल में भतीज़् कराया गया।
राशन डीलर के खिलाफ कार्रवाई के आदेश
मामला उजागर होते ही डीएम ने नगला मंदिर इलाके के राशन डीलर के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं. वहीं बच्चों की मां गुड्डी ने बताया कि 2020 में लाॉकडाउन से पहले उसके पति विजेंद्र कुमार की बीमारी की वजह से मौत हो गई थी. जिसके बाद उसने परिवार को पालने के लिए एक फैक्ट्री में 4 हजार रुपये की नौकरी की. लॉकडाउन के दौरान घाटा लगने से फैक्ट्री भी बंद हो गई और उसकी नौकरी चली गई। पीडि़त महिला ने बताया कि कुछ दिन तक जैसे-तैसे उसने अपने परिवार की भूख मिटाई. लेकिन जब सारे पैसे खर्च हो गए तो उसने मोहल्ले के लोगों से मांगकर भी अपने बच्चों का पेट भरा. जब लोगों ने भी मदद से हाथ पीछे खींच लिए तो उसके पास कोई भी सहारा नहीं बचा।.
15 दिनों से नहीं मिला अन्न का एक भी दाना
पीडि़त महिला ने बताया कि उनके घर में खाने के लिए अन्न का एक दाना तक नहीं था। पूरा परिवार पिछले 15 दिनों से पानी पीकर अपना समय गुजार रहा था। महिला का 20 साल का बेटा मजदूरी करके अपने परिवार का पेट भर रहा था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से उसका काम भी छिन गया और घर में खाने तक के लाले पड़ गए। उसने बताया कि जिस दिन काम मिल जाता उस दिन उनके घर में चूल्हा जल जाता था. जब काम नहीं मिलता तो सभी को भूखे पेट ही सोना पड़ता था।
मदद के लिए पहुंची एनजीओ
कई दिनों तक जब परिवार का एक भी सदस्य घर से बाहर नहीं निकला तो पड़ोसियों को कुछ शक हुआ. उन्होंने इस बात की खबर एनजीओ हैंड्स फॉर हेल्थ को दी. एनजीओ के अध्यक्ष अपनी टीम के साथ बुधवार रात को पीडि़त परिवार से मिलने पहुंचे. वहां के हालात देखकर उनकी आंखे भी नम हो गईं. भूख से तड़प रहे बच्चे पूरी तरह से सूख चुके थे. उनके शरीर की सारी हड्डियां गिनना एक दम आसान हो गया था. एनजीओ ने पुलिस की मदद से सभी को मलखान सिंह जिला अस्पताल में भर्ती कराया. जहां सभी का इलाज चल रहा है।