भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने हल्दीघाटी के रक्ततलाई में करीब चालीस साल पहले राजस्थान पर्यटन विभाग की ओर से लगवाए गए शिलालेख को हटवा दिया है, जिसमें निर्णायक हल्दीघाटी युद्ध को लेकर गलत तथ्य अंकित थे। अगले महीने तक यहां वास्तविक तथ्यों के साथ नए शिलालेख लगवाए जाएंगे।
एएसआइ जोधपुर मंडल के अधीक्षक बिपिन चंद्र नेगी के मुताबिक विवादास्पद कथन वाले शिलालेख हटवाए जाने संबंधी विभागीय आदेश की पालना में यह कार्रवाई की गई है। नए शिलालेख लिखवाए जाने से पहले हल्दीघाटी युद्ध को लेकर प्रामाणिक तथ्यों का अध्ययन जारी है। अगले महीने तक प्रामाणिक जानकारी के साथ नए शिलालेख लगवाए जाएंगे। पहले अंकित शिलालेखों में महाराणा प्रपात की सेना के पीछे हटने का उल्लेख था, जबकि इतिहासकारों व राजपूत समाज के कई संगठनों का कहना था कि हल्दीघाटी के युद्ध में अकबर की हार हुई थी।
राजपूत संगठनों ने किया स्वागत
राजपूत समाज सहित विभिन्न् संगठनों ने विवादास्पद जानकारी वाले शिलालेख के हटाए जाने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि वर्षों से लोगों को महाराणा प्रताप और हल्दीघाटी युद्ध को लेकर गलत जानकारी दी जा रही थी, जिसे अब सुधारा जा रहा है। इस मुद्दे को पहली बार प्रामाणिकता से उठाने वाले उदयपुर के इतिहासकार प्रो. चंद्रशेखर शर्मा का कहना है कि पुस्तकों में हल्दीघाटी युद्ध में महाराणा प्रताप की जीत को स्वीकार कर प्रकाशित कर लिया गया, अब शिलालेख पर भी प्रामाणिक जानकारी मिल पाएगी।