नियमितीकरण न होने से प्रदेश के 1 लाख 80 हजार कर्मचारी गुस्से में, काली पट्टी लगाकर कर रहे काम
रायपुर। छत्तीसगढ़ के अनियमित कर्मचारियों को नियमितीकरण का इंतजार था। लगभग 3 साल पूरे कर चुकी कांग्रेस की सरकार ने चुनावी घोषणा में इस वर्ग को साधने का काम किया था। वादा किया था कि सरकार बनते ही नियमित किया जाएगा। अब तक ये वादा पूरा न हो सका। अब प्रदेश में करीब 1 लाख 80 हजार अनियमित कर्मचारी नाराज हैं। ये कर्मचारी छत्तीसगढ़ में बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं। छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र दास वैष्णव ने बताया कि 30 जनवरी से छत्तीसगढ़ के सभी कर्मचारी काम बंद करने वाले थे। सभी अनिश्चित कालीन धरना रायपुर में देने जुटते मगर कोविड की वजह से इसे टाला गया है। मगर हमारी तैयारी है। जैसे ही कोविड का असर प्रदेश में कम होगा, प्रदेश के हर सरकारी दफ्तर में काम कर रहा अनियमित कर्मचारी काम बंद करेगा और हड़ताल की जाएगी। फिलहाल हर कार्यालय में काली पट्टी लगाकर कर्मचारी काम कर रहे हैं।
इस वजह से कर्मचारियों में नाराजगी
संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव के वक्त कर्मचारियों ने हड़ताल की थी। तब के नेता प्रतिपक्ष और आज के मंत्री टीएस सिंहदेव ने वादा किया था कि सरकार बनते ही 10 दिनों में कर्मचारी नियमित किए जाएंगे। सरकार बनने के बाद प्रदेश के मुख्यमंंत्री भूपेश बघेल ने भी जल्द ही नियमित करने का वादा किया मगर वादे सिर्फ वादे ही रह गए। कर्मचारियों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि जल्द ही रायपुर में बड़ा विरोध प्रदर्शन होगा और कर्मचारी राजधानी पहुंचेंगे। हमारे आंदोलन का स्वरूप पहले तीन दिन अपने अपने जिले में आंदोलन करेंगे,फिर दो दिन अपने अपने संभाग में, इसके बाद अनिश्चितकालीन अवधि के लिए ,राजधानी कुच किया जाएगा,यह आंदोलन इस सरकार के विरोध में अंतिम आंदोलन होगा, करो या मरो की लड़ाई होगी, ये अंतिम लड़ाई है हम किसी भी हालत में नियमितीकरण ले कर रहेंगे।
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