उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी के बाद अब बदायूं जिले की जामा मस्जिद को महादेव का मंदिर होने का दावा किया गया है। इस मस्जिद में नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा किया गया है। इस मामले को लेकर सिविल कोर्ट में एक याचिका भी दायर कर दी गई थी। याचिका को सिविल कोर्ट ने सुनवाई की मंजूरी भी दे दी है। सुनवाई के लिए 9 सितंबर 2022 की तारीख तय की गई है। साथ ही मस्जिद की इंतजामिया कमेटी को नोटिस जारी कर पक्ष रखने का आदेश दिया गया है।
हिंदू महासभा की याचिका में यह दावा किया गया है कि बदायूं की जामा मस्जिद भी एक हिंदू राजा का किला था। इसमें इस मस्जिद की मौजूदा संरचना नीलकंठ महादेव के एक प्राचीन मंदिर को तोड़कर बनाई गई है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जामा मस्जिद के इंतेजामिया समिति, उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड, उत्तर प्रदेश पुरातत्व विभाग, केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार, बदायूं जिला मजिस्ट्रेट और राज्य के प्रमुख सचिव को भी जवाब दाख़िल करने का निर्देश दिया है।