कांकेर। 2 जुलाई को हिंदू संगठनों द्वारा प्रायोजित बंद कांकेर में पूर्णतया सफल दिखाई दिया। जहां बड़ी छोटी दुकानों के अलावा फुटपाथी दुकानें भी बंद की चपेट में रहीं। सवेरे से ही विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता दुकानें बंद करवाने निकल पड़े थे, जिसके कारण लोगों को रायपुर से आने वाले दूध, सब्जी , तरकारी भी नहीं मिल पाए । सड़कों पर बस, टैक्सी आदि वाहन भी नहीं दिखे। 8:30 बजे के बाद कार्यकर्ताओं की बाइक रैली ने नारे लगाते हुए जो छिटपुट दुकानें एक फाटक खोल कर चलाई जा रही थीं, उन्हें भी चेतावनी देकर बंद करवा दिया। इसके बाद शहर में पूरी तरह सन्नाटा हो गया। फुटपाथ पर सब्जी की दुकानें तथा चना मुर्रा बेचने वाले भी भागते नजऱ आए। भोजनालयों के बंद रहने के कारण होटल में खाने वालों को आज कहीं से भोजन नहीं मिला। चाय नाश्ता के ठेले भी बंद करा दिए गए थे । हम्मालों तथा अन्य मज़दूरों को आज कहीं काम नहीं मिला और उनकी आज की रोजी मारी गई। छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा दोपहर 2 बजे तक के बंद की घोषणा की गई थी , परंतु नौकरों के अभाव में दुकानदार दोपहर बाद भी दुकान नहीं खोल पाए । इसलिए लगभग सारे दिन कांकेर में बंद का माहौल रहा। इस अवधि में सुबह से शाम तक कांकेर पुलिस हर तरफ से चौकस और चौकन्नी बनी रही। असामाजिक तत्व पुलिस द्वारा खदेड़ दिए गए । उन्हें भगाने के लिए डंडे चलाने नहीं पड़े, डंडे दिखाने से ही काम चल गया। इस तरह शहरबंद शत प्रतिशत सफल रहा।