कार्तिक महीना भगवान विष्णु को काफी प्रिय माना जाता है। ऐसे में जो लोग कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान व दान करते हैं, उसे पूरे महीने की गई पूजा के बराबर पुण्य मिलता है। इस बार कार्तिक पूर्णिमा आठ नवंबर को है। कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन दीपदान करने का भी विशेष महत्व है।
कार्तिक महीना भगवान विष्णु को काफी प्रिय माना जाता है। ऐसे में जो लोग कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान व दान करते हैं, उसे पूरे महीने की गई पूजा के बराबर पुण्य मिलता है।
कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था। इसके बाद देवताओं से प्रसन्न होकर काशी में सैकड़ों दीए जलाए थे। तभी से इसे देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है।
पूजा -विधि-
इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता है। आप नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान भी कर सकते हैं। नहाते समय सभी पावन नदियों का ध्यान कर लें। नहाने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।
पूर्णिमा के पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना का विशेष महत्व होता है।
इस दिन विष्णु भगवान के साथ माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना भी करें।
भगवान विष्णु को भोग लगाएं। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को भी शामिल करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी के बिना भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें।
इस पावन दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का अधिक से अधिक ध्यान करें।
पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व होता है।
चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा की पूजा अवश्य करें।
चंद्रमा को अर्घ्य देने से दोषों से मुक्ति मिलती है।
इस दिन जरूरतमंद लोगों की मदद करें।
अगर आपके घर के आसपास गाय है तो गाय को भोजन जरूर कराएं। गाय को भोजन कराने से कई तरह के दोषों से मुक्ति मिल जाती है।
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 07, 2022 को 04:15 पी एम बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त – नवम्बर 08, 2022 को 04:31 पी एम बजेअन्न और दूध का करें दान
इस दिन दान अवश्य करें। कई गुना फल की प्राप्ति होती है। सुख-सौभाग्य में वृद्धि के लिए इस दिन अन्न, दूध, फल, चावल, तिल और आवंले का दान करें। इस दिन ब्राह्मण, बहन और बुआ को अपनी श्रद्धा के अनुसार वस्त्र और दक्षिणा अवश्य दें। शाम के समय जल में थोड़ा कच्चा दूध,चावल और चीनी मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देने से आप पर चंद्रमा की सदैव कृपा बनी रहती है।लक्ष्मी जी की कृपा पाने के लिए इस दिन पीपल के वृक्ष की जड़ में जल में थोड़ा कच्चा दूध मिलाकर अवश्य चढ़ाएं, क्योंकि इस दिन पीपल के पेड़ पर मां लक्ष्मी और विष्णुजी का वास माना जाता है।
अन्न और दूध का करें दान
इस दिन दान अवश्य करें। कई गुना फल की प्राप्ति होती है। सुख-सौभाग्य में वृद्धि के लिए इस दिन अन्न, दूध, फल, चावल, तिल और आवंले का दान करें। इस दिन ब्राह्मण, बहन और बुआ को अपनी श्रद्धा के अनुसार वस्त्र और दक्षिणा अवश्य दें। शाम के समय जल में थोड़ा कच्चा दूध,चावल और चीनी मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देने से आप पर चंद्रमा की सदैव कृपा बनी रहती है। लक्ष्मी जी की कृपा पाने के लिए इस दिन पीपल के वृक्ष की जड़ में जल में थोड़ा कच्चा दूध मिलाकर अवश्य चढ़ाएं, क्योंकि इस दिन पीपल के पेड़ पर मां लक्ष्मी और विष्णुजी का वास माना जाता है।