रायपुर। दीवाली के करीब आते ही पटाखों को फोड़ने पर प्रतिबंद लगाए जाने की चर्चा तेज हो गई है। कोरोना की रोकथाम के लिए आवश्यक भी है।
छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति ने कोरोना महामारी के चलते दिवाली एवं 31 दिसंबर नववर्ष पर पटाखों की बिक्री और फोड़े जाने पर पूरी तरह रोक लगाने की मांग राज्य सरकार से की है।
समिति के अध्यक्ष विश्वजीत मित्रा ने इस बारे में राज्य सरकार और पर्यावरण संरक्षण मंडल को पत्र भी लिखा है। जिसमें लिखा है कि प्रदेश के ज्यादातर जिलों में कोराना संक्रमण बढ़ हुआ है। रोज नए मरीज देखने मे आ रहे हैं। मरीजो में फेफड़े और सांस की ही तकलीफ ही देखने के मिलती है, ऐसे में पटाखों से निकलने वाला धुंवा घातक साबित हो सकता है। ऐसे में दिवाली तथा 31 दिसंबर की रात को फोड़े जाने वाले पटाखों से वायुमंडल में प्रदूषण होगा। इसका बुरा असर कोरोना संक्रमण को बढ़ावा देगा एवं अस्थमा, सीओपीडी या एलर्जिक रहाइनिटिस से ग्रस्त मरीजों की समस्या बढ़ा देगा। पटाखों से जहरीले गैस का निकलना स्वाभाविक है, जिसमें कार्बन डाय ऑक्साइड, मोनो ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड जैसी गैस निकलती है, जिससे फेफड़े को क्षति पहुंचती है और शरीर को ऑक्सीजन की पूर्ति नहीं हो पाती है, जो शरीर के भीतरी सभी महत्वपूर्ण अंगों को क्षति पहुंचाएगा। ऐसे में कोरोना महामारी को देखते हुए दिवाली से पूर्व एवं 31 दिसंबर तक पटाखों की बिक्री एवं फोड़े जाने पर रोक लगाई है।