ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में सोमवार से शिव नवरात्रि का उल्लास छाएगा। भगवान महाकाल दूल्हा बनेंगे। नौ दिन भगवान का नौ रूपों में आकर्षक श्रृृंगार किया जाएगा। विशेष पूजा के अनुक्रम से भोग आरती व संध्या पूजन का समय बदलेगा। मंदिर में आकर्षक विद्युत और पुष्प सज्जा की जाएगी।
पं. महेश पुजारी ने बताया कि परंपरा अनुसार सुबह सात बजे नैवेद्य कक्ष में भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन होगा। इसके बाद सुबह आठ बजे कोटितीर्थ कुंड के समीप श्री कोटेश्वर व रामेश्वर महादेव मंदिर में शिवपंचमी की पूजा के साथ शिव नवरात्रि की शुरुआत होगी। पुजारी कोटेश्वर महादेव को चंदन तथा शक्ति स्वरूप जलाधारी पर हल्दी अर्पित करेंगे। सुबह 9.30 बजे गर्भगृृह में पूजन का क्रम शुरू होगा। पुजारी भगवान महाकाल का पंचामृृत अभिषेक पूजन करेंगे। इसके बाद 11 ब्राह्माणों द्वारा रद्र पाठ किया जाएगा। दोपहर एक बजे भोग आरती तथा दोपहर तीन बजे संध्या पूजा होगी। इसके बाद भगवान का विशेष श्रृंगार किया जाएगा।