मायावती ने नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ वाराणसी लोकसभा क्षेत्र से एक मुसलमान चेहरे के तौर पर अतहर जमाल लारी को उतारा है। वहीं, बसपा ने मैनपुरी से गुलशन शाक्य का टिकट बदला है। उनकी जगह शिव प्रसाद यादव को उतारा है। बसपा ने एक ओर जहां मैनपुरी में यादव प्रत्याशी दिया है तो बदायूं में मुस्लिम। ऐसे में मायावती ने सपा परिवार की मुश्किल बढ़ा दी है।
अतहर जमाल लारी कौमी एकता दल, समाजवादी पार्टी से जुड़े रहें है। 2022 यूपी विधानसभा के दौरान वाराणसी विधानसभा सीटों पर चुनाव से ठीक पहले वह समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे। करीब 66 साल के अतहर जमाल तीन बार विधानसभा और दो बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। वाराणसी के अतहर 1980 से राजनीति में सक्रिय माने जाते हैं। समाजवादी पार्टी से बागी होकर पूर्वांचल के चर्चित मुस्लिम नेता अतहर जमाल लारी वाराणसी से सपा के वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं।
वाराणसी सीट पर पिछले दो चुनावों से पीएम मोदी की बड़े अंतर से जीत दर्ज हुई है। इस सीट पर बसपा ने अभी तक जीत दर्ज नहीं की है। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बसपा चौथे नंबर पर रही थी। बसपा के विजय प्रकाश जायसवाल को एक लाख से भी कम वोट मिले थे। हालांकि अब देखना ये है कि साल 2024 के चुनाव में बसपा के अतहर जमाल लारी इस सीट पर मायावती को जीत दिला पाएंगे या नहीं।