नई दिल्ली। मंकीपॉक्स वायरस को लेकर दुनिया के विभिन्न देशों सहित भारत में लोगों की चिंता गहराने लगी है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार को 34 वर्षीय एक व्यक्ति मंकीपॉक्स से संक्रमित पाया गया, जिसके बाद भारत में इसके रोगियों की कुल संख्या बढ़कर चार हो गई। हालांकि इसे लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों को इससे घबराने की जरूरत नहीं है। राजधानी दिल्ली स्थित एम्स के कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉक्टर संजय राय का कहना है कि मंकीपॉक्स न तो जानलेवा है और न ही ज्यादा संक्रामक. बस इसे लेकर थोड़ी सतर्कता बरतने की जरूरत है। डॉक्टर राय ने साथ ही बताया कि जिन लोगों को चेचक का टीका लग चुका है, उन्हें इस वायरस से ज्यादा खतरा नहीं। वह बताते हैं चेचक का टीका इस बीमारी से भी सुरक्षा देता है. वह कहते हैं, ‘भारत में 45 साल से ज्यादा उम्र के अधिकतर लोगों को चेचक का टीका लगा हुआ है. ऐसे में यह टीका उन्हें मंकीपाक्स से भी बचाएगा. वह बताते हैं कि एक वक्त चेचक में मृत्यु दर 30 प्रतिशत थी, जबकि मंकीपॉक्स के मामले में मृत्यु दर अब तक बस दो से तीन प्रतिशत देखी गई है।