रायपुर-रायपुर से गुजरने वाली एक दर्जन से ज्यादा ट्रेनें अब भी 5 से 6 घंटे देरी से चल रही हैं। रेलवे ऑनलाइन यात्रियों को सही जानकारी भी दे रहा है कि ट्रेनें लेट हैं, लेकिन यात्री इस पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं। इसका असर ये हो रहा है कि स्टेशन पर पांच-छह घंटे यात्रियों को बिताना पड़ रहा है। दरअसल यात्रियों का कहना है कि पहले के ऑनलाइन सिस्टम पर भरोसा कर यात्री कई बार अपनी ट्रेनें छोड़ चुके हैं, लिहाजा वे सही समय पर स्टेशन पहुंच जा रहे हैं। लेकिन रेलवे का अब का ऑन लाइन सिस्टम इतना मजबूत हो चुका है, कि ट्रेनों की स्थिति की सटीक जानकारी मोबाइल पर उपलब्ध है। बावजूद इसके यात्री पांच-छह घंटे स्टेशन पर बिता रहे हैं। इसके चलते स्टेशन पर अव्यवस्था का आलम है। भीड़ लग रही है, वेटिंग हॉल भरे हुए हैं। एक्सप्रेस ट्रेन पैसेंजर बनकर चल रही हैं। रायपुर से गुजरने वाली ट्रेनें घंटों विलंब से आ रही हैं। ट्रेनों के विलंब होने का सिलसिला पिछले छह माह से चल रहा है। रेलवे प्रशासन ट्रेनों को तय समय पर पटरी पर नहीं ला पा रहा है। रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को घंटों ट्रेन का इंतजार करना पड़ रहा है। स्टेशन पर बच्चे और महिलाएं परेशान हैं। गुरूवार को एक दर्जन से अधिक ट्रेनें विलंब से पहुंचीं। ट्रेन कितनी लेट आएगी, इसकी जानकारी नहीं होने से यात्री ट्रेन के निर्धारित समय के मुताबिक ही स्टेशन पहुंच रहे हैं, जहां पर उन्हें जानकारी लगती है कि ट्रेन 4 से 5 घंटे विलंब से आएगी। पिछले छह महीने में सैकड़ों ट्रेनों को रद्द किया गया। इसके बाद बहाल हुई ट्रेनें अभी भी देरी से चल रही हैं। ट्रेनों की लेटलतीफी के चलते यात्रियों के साथ ही अधिकारी और कर्मचारियों को रोजाना यात्रा करने में परेशानी हो रही है। मालूम हो कि दुर्ग भिलाई, भाटापारा और बिलासपुर से रायपुर रोजाना हजारों अधिकारी-कर्मचारी, व्यापारी और स्टूडेंट्स यात्रा करते हैं, लेकिन, मालगाड़ी के चलते ट्रेनों को विलंब से चलाया जा रहा है। ऐसे में सभी वर्ग के लोगों को असुविधाओं व परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।