श्रीकृष्ण कहते हैं…
हे अर्जुन विषम परिस्थितियों में कायरता प्राप्त करना श्रेष्ठ मनुष्यों के आचरण के विपरीत है। न तो स्वर्ग की प्राप्ति है और न ही इससे कीर्ति प्राप्त होगी।
तुम ज्ञानियों की तरह बात करते हो, लेकिन जिनके लिए शोक नहीं करना चाहिए, उनके लिए शोक करते हो। मृत या जीवित, ज्ञानी किसी के लिए शोक नहीं करते।
जैसे इसी जन्म में जीवात्मा बाल, युवा और वृद्ध शरीर को प्राप्त करती है। वैसे ही जीवात्मा मरने के बाद नया शरीर प्राप्त करती है।इसलिए वीर पुरूष को मृत्यु ने नहीं घबराना चाहिए।









