अप्रदीप शर्मा ने मनसुख की हत्या का सबूत मिटाने को वझे से लिए 45 लाख
मुंबई। उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास से विस्फोटकों से भरी स्कॉर्पियो बरामद होने और स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन की मौत के मामले में एनआईए ने बड़ा खुलासा किया है। बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर एक हलफनामे में एनआईए ने दावा किया है कि इस पूरे खेल का मास्टरमाइंड पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा था। शर्मा के कहने पर ही सचिन वझे ने यह साजिश रची और मनसुख को मार कर ठाणे की खाड़ी में फेंक दिया गया। एनआईए की चार्जशीट के मुताबिक, मनसुख, एंटीलिया केस का सारा राज जानता था। प्रदीप शर्मा उसे इस केस की सबसे कमजोर कड़ी मानता था, इसलिए उसे रास्ते से हटाने की प्लानिंग की गई थी। शर्मा ने इस मामले में अन्य आरोपियों के साथ पुलिस कमिश्नर कार्यालय की इमारत में कई बैठकें की थीं, जहां मनसुख को मारने की साजिश रची गई थी। मनसुख की हत्या के बाद एंटीलिया केस में गिरफ्तार सचिन वझे ने प्रदीप शर्मा को 45 लाख रुपए दिए थे, जो उसने हिरेन की हत्या करने वाले कुछ लोगों में बांटे थे।
शर्मा की जमानत याचिका का विरोध
शर्मा की जमानत याचिका का विरोध करते हुए एनआईए ने यह भी कहा कि शर्मा निर्दोष नहीं है और आरोप लगाया कि उसने आपराधिक साजिश, हत्या और आतंकी कृत्यों के अपराध किए हैं। न्यायाधीश एएस चंडूरकर और जीए सनप की खंडपीठ ने याचिका पर और सुनवाई के लिए 17 मार्च तारीख तय की है। एनआईए ने अपने हलफनामे में कहा है कि प्रदीप शर्मा एक गैंग का सक्रिय सदस्य था, जिसने एंटीलिया विस्फोटक केस की साजिश रची थी।
ऐसे हुआ था मनसुख हत्याकांड का खुलासा
25 फरवरी 2021 को मुकेश अंबानी के आवास एंटीलिया के बाहर विस्फोटकों से लदी एक एसयूवी मिली थी। यह एसयूवी मनसुख हिरेन की थी, जिसे पिछले साल 5 मार्च 2021 को ठाणे के पास एक क्रीक (छोटी नदी) में मृत पाया गया था। जांच में सामने आया है कि शर्मा को डर था कि मनसुख सच्चाई सबसे सामने न ले आए, इसलिए उसकी हत्या कर दी गई। अगर मनसुख सच बता देता तो शर्मा और वझे के लिए मुश्किलें खड़ी हो जातीं। एनआईए ने पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट शर्मा को 17 जून 2021 को गिरफ्तार किया था। और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में है।