
उत्तर कोरिया ने रविवार को एक महीने के भीतर सातवीं बार मिसाइल का परीक्षण किया। इसे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यभार संभालने के बाद से सबसे शक्तिशाली मिसाइल का परीक्षण बताया जा रहा है। लंबे समय से जारी कूटनीति गतिरोध के बीच उत्तर कोरिया इन परीक्षणों के जरिये खुद पर लागू प्रतिबंधों में ढील के लिए अमेरिका व अन्य पड़ोसी देशों पर दबाव बना रहा है।
जापान व दक्षिण कोरिया की सेनाओं ने कहा कि मिसाइल संभावित रूप से अधिकतम 2,000 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंची और समुद्र में गिरने से पहले उसने 800 किलोमीटर की दूरी तय की। इससे पता चलता है कि उत्तर कोरिया ने वर्ष 2017 के बाद पहली बार अपनी सबसे लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है। वर्ष 2017 में उसने जापान के ऊपर से मध्यम दूरी की दो बैलिस्टिक मिसाइलों और तीन अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया था, जो अमेरिका के भीतर तक मार करने में सक्षम हैं।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की आपातकालीन बैठक बुलाई, जहां उन्होंने इसे मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण बताया। उन्होंने कहा कि यह वर्ष 2018 में उत्तर कोरिया द्वारा परमाण्ाु हथियारों और लंबी दूरी की मिसाइलों का परीक्षण नहीं करने संबंधी घोषणा का उल्लंघन है। यह संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन है और इससे कोरियाई प्रायद्वीप से परमाणु हथियारों के निरस्त्रीकरण के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को बड़ा झटका लगा है। उत्तर कोरिया को तनाव बढ़ाने वाली हरकतें रोककर अमेरिका व दक्षिण कोरिया समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय की तरफ से दिए गए वार्ता प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
जापान के रक्षा मंत्री नोबुओ किशि ने कहा कि उत्तर कोरिया ने वर्ष 2017 में आइसीबीएम श्रेणी की मिसाइल का परीक्षण किया था। इसके बाद उसने रविवार को सबसे लंबी दूरी की मिसाइल का परीक्षण किया है। देश के प्रमुख कैबिनेट मंत्री हिरोकाजु मात्सुनो ने कहा कि मिसाइल ने करीब 30 मिनट तक उड़ान भरी और जापान के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र के बाहर समुद्र में गिरी।
अमेरिका के हिंद-प्रशांत कमान ने कहा कि उसका देश उत्तर कोरिया के परीक्षण्ाों की निंदा करता है। हालांकि, इस हालिया परीक्षण्ा से अमेरिका के जवानों, क्षेत्र या सहयोगियों को फिलहाल कोई खतरा नहीं है।