दुख को समाप्त करने के लिए आवश्यक है, सामने वाले व्यक्ति को गलत मानने के बजाय उसके विचारों को गलत माने ।बड़प्पन का गुण पद से नहीं संस्कारों से मिलता है।यह तो सदैव चलता रहता है। हमेशा एक नई उम्मीद आपका इंतजार करती है। जरूरत सिर्फ उसको पहचानने की होती है। ।
जैसा तेरा कर्म रहेगा वैसा ही तो फल मिलेगा। मिले कहीं प्रशंसा तो कहीं कुटिल चाल मिलेगा। मिले कहीं दुआ कहीं षड्यंत्र का जाल मिलेगा। चला चला तू अपने पथ पर खुशियों का भंडार मिलेगा।










