यूक्रेनी सेना की गोलाबारी में खेरसान का विशाल नोवा काखोव्का बांध क्षतिग्रस्त हो गया है और उससे पानी का रिसाव शुरू हो गया है। यह जानकारी रूसी मीडिया ने दी है। फिलहाल यह बांध रूसी सेना के कब्जे में है और उससे रूस के कब्जे वाले क्रीमिया को जलापूर्ति हो रही है। खेरसान प्रांत मार्च से रूसी सेना के कब्जे में था लेकिन सितंबर में उस पर यूक्रेनी सेना ने फिर से कब्जा करना शुरू कर दिया। इस समय खेरसान शहर के अतिरिक्त ज्यादातर ग्रामीण इलाकों पर यूक्रेनी सेना ने फिर से कब्जा कर लिया है। वैसे इस प्रांत को अक्टूबर में रूस ने खुद में शामिल करने की घोषणा की थी।
रूस की सरकारी समाचार एजेंसी तास के अनुसार यूक्रेनी सेना के राकेट हमले में बांध क्षतिग्रस्त हो गया है। बांध से पानी का रिसाव शुरू हो गया है। बर्बादी से बचाव के लिए आपात सेवाओं को सक्रिय कर दिया गया है। एजेंसी ने सूचना से संबंधित कोई तस्वीर या अन्य जानकारी नहीं दी है। डेनिप्रो नदी की अपस्ट्रीम पर 30 मीटर ऊंचे बने नोवा काखोव्का बांध में पैदा बिजली की आपूर्ति यूक्रेन के कई श्ाहरों में की जाती है। साथ ही क्षेत्र में जलापूर्ति का यह बड़ा स्रोत है। अगर इसमें पानी कम हो गया तो यूक्रेन के लिए बिजली-पानी का बड़ा संकट पैदा हो जाएगा। अक्टूबर से रूस और यूक्रेन, दोनों ही एक-दूसरे पर बांध को नुकसान पहुंचाने के लिए षडयंत्र करने का आरोप लगा रहे थे। इससे रूस के कब्जे वाले खेरसान श्ाहर और उसके आसपास के इलाकों को भारी नुकसान हो सकता है। इस आशंका से रूस ने खेरसान शहर और कई इलाकों को खाली भी करा दिया है। शुक्रवार रात खेरसान में रूसी सेना ने कर्फ्यू लगा दिया था।
रूस की धमकी में नहीं आया विश्व, संकट टल गया : जेलेंस्की
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि वैश्विक एकजुटता के चलते खाद्यान्न् समझौता तोड़ने की रूसी धमकी कामयाब नहीं हुई और उसे समझौते में लौटना पड़ा है। समझौते को लेकर दुनिया रूस की ब्लैकमेंलिग में नहीं आई और इसके कारण विश्व खाद्यान्न् संकट का शिकार होने से बच गया। जेलेंस्की ने बताया कि बीते सप्ताह खाद्यान्न् लेकर 28 जहाज विभिन्न् देशों के लिए रवाना हुए। इनमें एक मालवाही जहाज संयुक्त राष्ट्र के खाद्यान्न् कार्यक्रम के तहत 30 हजार टन गेहूं लेकर इथोपिया भी गया है।