भारत के दवा महानियंत्रक (डीसीजीआइ) ने पांच से 12 वर्ष के आयुवर्ग के बच्चों के लिए कोरोना रोधी वैक्सीन ‘कोर्बेवैक्स” और छह से 12 वर्ष के आयुवर्ग के बच्चों के लिए ‘कोवैक्सीन” के आपातकालीन उपयोग की अनुमति दे दी है। वहीं, 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों और वयस्कों के लिए जायकोव-डी के इमरजेंसी उपयोग की मंजूरी भी दी गई है। केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोरोना महामारी पर गठित विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की सिफारिशों के बाद डीसीजीआइ ने इसके इस्तेमाल की अनुमति दी है।
एसईसी ने पांच से 12 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए बायोलाजिकल ई की कोरोना रोधी वैक्सीन ‘कोर्बेवैक्स” और छह से 12 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन” के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी (ईयूए) देने की पिछले सप्ताह सिफारिश्ा की थी। 12 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के लिए जायडस कैडिला की जायकोव-डी के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी देने की सिफारिश भी की थी।
बायोलाजिकल ई की वैक्सीन कार्बेवैक्स की डोज अभी 12 से 14 वर्ष के आयुवर्ग के बच्चों को दी जा रही है। वहीं, 24 दिसंबर, 2021 को डीसीजीआइ ने 12 से 18 वर्ष के आयुवर्ग के लोगों के लिए ‘कोवैक्सीन” को आपातकालीन इस्तेमाल की सूची (ईयूएल) में डाल दिया था। भारत ने 16 मार्च को 12-14 वर्ष की आयु के बच्चों का टीकाकरण शुरू किया।
कोविन पोर्टल के आंकड़ों के मुताबिक देश में अब तक कोरोना रोधी वैक्सीन की कुल 188.07 करोड़ डोज लगाई जा चुकी हैैं। 100.14 करोड़ पहली, 85.33 करोड़ दूसरी और 2.58 करोड़ सतर्कता डोज शामिल हैैं।