अस्थमा के उपचार में काम आने वाली एक दवा कोरोना वायरस द्वारा पैदा किए जाने वाले एक खास प्रोटीन को रोककर इस वायरस की प्रतिकृति को बनने से रोक सकती है। बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान के शोधकर्ताओं के एक नए अध्ययन में इस बात का पता चला है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि मांटेल्यूकास्ट नामक दवा को अमेरिकी खाद्य एवं दवा प्राधिकरण (एफडीए) से मंजूरी मिली है। शोधकर्ताओं ने बताया कि मांटेल्यूकास्ट को अस्थमा आदि में जलन रोकने के लिए दिया जाता है। ई लाइफ पत्रिका में सोमवार को प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, यह दवा कोविड-19 वायरस के प्रोटीन के एक सिरे को मजबूती से बांधे रखती है, जिसे एनएसपी1 कहते है। शोधकर्ताओं ने कहा कि यह प्रोटीन हमारी प्रतिरक्षा कोशिकाओं के अंदर प्रोटीन बनाने वाले तंत्र राइबोसोम को बांध सकता है और प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए आवश्यक प्रोटीन के संश्लेषण को बंद कर सकता है, जिससे यह स्वयं कमजोर हो जाता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार एनएसपी1 को निशाना बनाकर वायरस से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। भारतीय विज्ञान संस्थान के आणविक विकास और आनुवंशिकी विभाग के सहायक प्रोफेसर और अध्ययन के वरिष्ठ लेखक तनवीर हुसैन ने कहा, ‘इस प्रोटीन में उत्परिवर्तन दर अन्य वायरल प्रोटीन की तुलना में बहुत कम है।”