रायगढ़ जिले में मुख्यमंत्री सुपोषण योजना पूरी तरीके से खोखला नजर आ रहा है। सुपोषण एवं पोषण आहार के नाम पर योजना की राशि के अलावा अन्य अन्य मद द्वारा दी गई राशियों का भी खूब बंदरबांट किया गया है। पोषण आहार के लिए स्व सहायता समूह को आंगनबाड़ी केंद्रों पर राशन पहुंचाने का काम दिया गया है। स्व सहायता समूह की महिलाएं अपने वित्तीय स्रोत से या फिर ब्याज से लेकर राशन खरीद कर आंगनबाड़ी केंद्रों को मुहैया करा रहे हैं।
सुपोषण योजना और पोषण आहार योजना को स्व सहायता समूह की पोषण आहार योजना का क्रियान्वयन करने के लिए जोड़ा गया है। इन्हें महीने राशि आवंटित की जाती है, किंतु बीते 1 साल से महिलाओं को राशि आवंटित नहीं की गई है। ऐसे में अब महिलाएं आक्रोशित हो चुकी हैं। इन महिलाओं को कलेक्ट्रेट पहुंचकर ज्ञापन देकर राशि आवंटित करने की मांग की। इन महिलाओं का कहना है कि हम सुपोषण योजना आहार योजना में काम कर रहे हैं। हमें पोषण आहार देना रहता है, इसलिए हम अपने वित्तीय स्रोत से हमारे खुद के पैसे से उधार या फिर ब्याज से लेकर पोषण आहार के लिए राशन आंगनबाड़ी केंद्रों को देते हैं।
विडंबना की यह बात है कि हमसे काम भी करा लिया गया है और हमारी खर्च किए गए पैसे भी नहीं मिल रहे हैं। पोषण आहार के लिए 1 वर्ष से अधिक का समय बीत जाने के पश्चात भी अधिकारियों द्वारा राशि आवंटित नहीं की जा रही है। इस विषय में पूर्व में कई बार शिकायत की जा चुकी है, लेकिन जांच चल रही है कह कर अधिकारी पल्ला झाड़ लेते हैं ऐसे में हम तंग आ चुके हैं। जब तक हमारी राशि आवंटित नहीं होगी हम हड़ताल करने पर मजबूर होंगे।