
रायपुर। बिलासपुर जिले में इस बार यदि 50 लाख क्विंटल धान खरीदी होती है तो इसे खरीदने के लिए एक करोड़ 20 लाख से ज्यादा बारदाने की जरूरत पड़ेगी पर अब तक 5 लाख बारदाना का ही इंतजाम शासकीय उचित मूल्य दुकानों से हो सका है। दरअसल पिछले साल 48 लाख 28 हजार 29 क्विंटल से धान खरीदा गया। पिछले कुछ वषोज्ं से हर साल खरीदी का आंकड़ा बढ़ रहा है। ऐसे में ज्यादा खरीदी का अनुमान है। एक बारदाना में 40 किलोग्राम धान आता है, ऐसे में हर क्विंटल में औसत ढाई बारदाना चाहिए। खाद्य अधिकारी बारदानों का इंतजाम समय पर होने की बात कह रहे हैं। खेतों में इन दिनों धान की फसल लहलहा रही है। कृषि अधिकारियों के मुताबिक एक माह में अर्ली वेरायटी की धान पक जाएगी। उसके बाद पंद्रह से बीस दिनों में लेट वेरायटी की धान पक जाएगी। धान की कटाई और मिसाई के बाद उन्हें खरीदी केंद्रों में बेचने के लिए किसान तैयारी करेंगे। किसानों को बारदाना तो नहीं दिया जाता लेकिन उनका धान रखने के लिए समितियों को बारदाना उपलब्ध कराना होता है। इधर अब तक धान खरीदी कब से होगी, इसे लेकर कोई निर्णय नहीं हो सका है।
इसके लिए समिति की राज्य स्तर पर बैठक होनी है और उसके बाद ही इस संबंध में निणज्य होगा। हाल ही में बिलासपुर आए खाद्य मंत्री भगत ने कहा था कि समिति की बैठक में धान खरीदी के संबंध में अंतिम निणज्य होगा। उन्होंने यह भी कहा कि जूट उद्योगों पर कोरोना का असर होने से कम बारदाना ही मिलेगा।
शासकीय उचित मूल्य दुकानों से बारदाना का इंतजाम करना
इसके लिए शासकीय उचित मूल्य दुकानों से बारदाना का इंतजाम करना है। कलेक्टरों को निदेजिÞ्शत कर चुके हैं कि वे उचित मूल्य दुकान संचालकों को निदेज्श दें कि वे बारदाना बाहर न बेचें। इधर जिले में अब तक महज 5 लाख बारदाना का ही इंतजाम खाद्य विभाग द्वारा किया जा सका है। 17 लाख पीडीएस बारदाना का लक्ष्य है। इसके बाद राइस मिलरों से भी लेना है। इसके बावजूद भी इंतजाम नहीं होगा तो मुश्किल होगी। हालांकि नए बारदाने भी आएंगे पर पिछले साल की तरह 60 फीसदी आ पाएंगे यह मुश्किल लग रहा है क्योंकि कोलकाता के जूट कारखानों में इस बार कोरोना का असर रहा।