
पाकिस्तान ने भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस नहीं देने का एक नया बहाना ढूंढा है। उसका कहना है कि भारतीय कैदी जाधव का प्रतिनिधित्व भारत का एक वकील करे, यह कानूनी तौर पर संभव नहीं है।
पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी से पूछा गया था कि इस्लामाबाद हाईकोर्ट में जाधव मामले में आगामी तीन सितंबर को होने वाली सुनवाई में क्या उन्हें स्थानीय वकील दिया जाएगा। इसके जवाब में चौधरी ने कहा कि भारतीय पक्ष कोर्ट में जाधव का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक भारतीय वकील नियुक्त करने की मांग कर रहा है, लेकिन यह संभव नहीं है। भारतीय कैदी जाधव की पैरवी वही वकील कर सकता है, लेकिन जिसने वकालत करने का लाइसेंस पाकिस्तान में हासिल किया हो। यही व्यवस्था अन्य देशों में भी लागू होती है।
50 वर्षीय कुलभूषण को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने कथित जासूसी के आरोप में फांसी की सजा सुनाई थी। इस एकतरफा फैसले के खिलाफ भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में अपील की थी। साथ ही जाधव को काउंसलर एक्सिस न दिए जाने का भी विरोध किया था। ह्वेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत में अपने फैसले में साफ कहा था कि पाकिस्तान सरकार को फांसी की सजा की समीक्षा करनी चाहिए और इसके लिए जाधव को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप काउंसलर एक्सिस भी देना होगा।