
जम्मू-कश्मीर- जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए दहशतगर्द अब नए हथकंडे अपना रहे हैं। वे अब आम IED की जगह हमलों के लिए परफ्यूम IED का इस्तेमाल कर रहे हैं। 13 दिन पहले यानी 21 जनवरी को नारवाल में 20 मिनट के अंदर हुए दो धमाकों में इसी परफ्यूम IED का इस्तेमाल किया गया था। जम्मू-कश्मीर के DGP दिलबाग सिंह ने गुरुवार को यह जानकारी दी। DGP सिंह ने बताया कि हमने पहली बार धमाके में इस्तेमाल होने वाला परफ्यूम IED बरामद किया है। नारवाल धमाके में शामिल आरिफ नाम के आतंकी को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। वह रियासी का रहने वाला है, जो पिछले 3 साल से सीमा पार लश्कर-ए-तैयबा के हैंडलर के साथ जुड़ा था। हाल में हुई कई आतंकी घटनाओं के लिए आरिफ ही जिम्मेदार है। DGP ने कहा कि परफ्यूम IED परफ्यूम की बोतल की तरह ही होता है। अगर कोई इसे दबाने या खोलने की कोशिश करेगा तो IED विस्फोट हो जाएगा। इस तरह का IED पहली बार मिला है, इसलिए हम काफी सतर्क हो गए हैं। अब इस IED को हमारी स्पेशल टीम हैंडल करेगी। DGP ने कहा कि पाकिस्तान अपनी धरती से आतंकवाद फैलाने और दुनिया भर में सैकड़ों बेगुनाह लोगों को मारने के लिए बदनाम है। जम्मू-कश्मीर पिछले कुछ समय से पाकिस्तान के निशाने पर है। पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में लोगों के बीच एक सांप्रदायिक विभाजन पैदा करना चाहता है। DGP ने बताया कि आतंकी आरिफ एक सरकारी स्कूल का टीचर है। DGP ने दावा किया कि कटरा बस में हुआ धमाका भी इसी ने किया था। पुलिस के मुताबिक, आरिफ 2016 में टीचर के पद पर नियुक्त हुआ था। उसके मामा पाकिस्तान में हैं। आरिफ को दिसंबर के आखिर में तीन IED की सप्लाई मिली थी, जिसे ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से भेजा गया था। उसने मारवल इलाके में भी दो IED का इस्तेमाल किया था।