प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में ऐसे लोग भी हैं, जिनका विचार, जिनका आचार, जिनका लक्ष्य, सबकुछ अपने परिवार की राजनीति और राजनीति में अपने परिवार को बचाने का है। ये राजनीतिक वंशवाद लोकतंत्र में तानाशाही के साथ ही अक्षमता को भी बढ़ावा देता है। राजनीतिक वंशवाद, देश पहले के बजाय सिर्फ मैं और मेरा परिवार, इसी भावना को मज़बूत करता है। ये भारत में राजनीतिक और सामाजिक करप्शन का भी एक बहुत बड़ा कारण है। वह मंगलवार को राष्ट्रीय युवा दिवस पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दूसरे राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने देश में मौजूद राजनीतिक वंशवाद पर निशाना साधते हुए उसे लोकतंत्र को कमजोर करने वाला बताया। पीएम मोदी ने देश के युवाओं से अपील की कि वे बिना किसी लोभ के राजनीति में आएं और वंशवाद से निपटें। हमारा युवा खुलकर अपनी प्रतिभा और अपने सपनों के अनुसार खुद को विकसित कर सके इसके लिए आज एक environment और इकोसिस्टम तैयार किया जा रहा है। शिक्षा व्यवस्था हो, सामाजिक व्यवस्था हो या कानूनी बारीकियां, हर चीज में इन बातों को केंद्र में रखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने वह फाइनल में पहुंचे विजेताओं के भाषण अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करेंगे। आप सभी को राष्ट्रीय युवा दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं। स्वामी विवेकानंद की जन्म जयंती के ये दिन हम सभी को नई प्रेरणा देता है। आज का दिन विशेष इसलिए भी हो गया है कि इस बार युवा संसद देश की संसद के सेंट्रल हॉल में हो रही है। ये सेंट्रल हॉल हमारे संविधान के निर्माण का गवाह है। पहले देश में यह धारणा बन गई थी कि अगर कोई युवक राजनीति की तरफ रुख करता था तो घर वाले कहते थे कि बच्चा बिगड़ रहा है, क्योंकि राजनीति का मतलब ही बन गया था-झगड़ा, फसाद, लूट-खसोट, भ्रष्टाचार। लोग कहते थे कि सब कुछ बदल सकता है लेकिन सियासत नहीं बदल सकती। लेकिन अब नेता भी ये समझने लगे हैं कि CV मजबूत होना चाहिए।
उनहोंने कहा कि आज राजनीति में ईमानदार लोगों को भी मौका मिल रहा है। Honesty और Performance आज की राजनीति की पहली अनिवार्य शर्त होती जा रही है। भ्रष्टाचार जिनकी legacy थी, उनका भ्रष्टाचार ही आज उन पर बोझ बन गया है। वे लाख कोशिशों के बाद भी इससे उभर नहीं पा रहे हैं। जो समाज संकटों में भी प्रगति के रास्ते बनाना सीख लेता है, वो समाज अपना भविष्य खुद लिखता है। इसलिए आज भारत और 130 करोड़ भारतवासी अपना उत्तम भविष्य खुद गढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी आज भी हमें प्रेरणा देते हैं। अध्यात्म, राष्ट्रवाद, जनसेवा से जगसेवा तक उनके विचार आज भी उतनी ही तीव्रता से प्रभावित करते हैं। समय गुजरता गया, देश आजाद हो गया, लेकिन हम आज भी देखते हैं, स्वामी जी का प्रभाव अब भी उतना ही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने एक और अनमोल उपहार दिया है। ये उपहार व्यक्तियों के निर्माण और संस्थाओं के निर्माण का है। इसकी चर्चा बहुत कम ही हो पाती है। लोग स्वामी जी के प्रभाव में आते हैं और संस्थानों का निर्माण करते हैं, फिर उन संस्थानों से ऐसे लोग निकलते हैं जो स्वामी जी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए नए लोगों को जोड़ते चलते हैं।
इस दौरान महोत्सव के तीन राष्ट्रीय विजेता भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और केन्द्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री किरन रिजिजु भी उपस्थित रहे।