
छत्तीसगढ़ में बिरनपुर और सीजीपीएससी घोटाले के बाद अब बहुचर्चित महादेव सट्टा एप घोटाले की जांच से सीबीआई को सौंपने की तैयारी है। इसे लेकर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस इस पर तंज कस रही है तो बीजेपी कह रही है कि जहाँ भ्रष्टाचार होगा मजबूती से काम की जाएगी।
छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार ने पिछले सरकार की बिरनपुर और पीएसी घोटाला की जांच सीबीआई को दिए हैं और अब महादेव घोटाले की जांच भी सीबीआई को सौंपने की तैयारी है। इस मामले में सटोरियों को संरक्षण देने का आरोप कांग्रेसी नेताओं पर लगे हैं। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि जहां तक भ्रष्टाचार की बात है, वहां केंद्र और राज्य सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की रणनीति पर चलती है। भ्रष्टाचार जहां भी उजागर होगा एजेंसियां मजबूती से काम करेगी।
एक के बाद एक तीन केस सीबीआई को सौपने पर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सरकार के पास कुछ भी नहीं बचा है। महादेव एप पर राजनीति कर रही है। जब विपक्ष मे थे तो हमारी सरकार पर आरोप लगाते थे, जबकि हमारी सरकार ने कार्रवाई की। अब सरकार आने के बाद महादेव को बंद करने की ताकत है, क्यों बंद नहीं कर रहे हैं? वर्तमान राज्य और केंद्र सरकार महादेव को संरक्षण कर रहे हैं। इनका उद्देश्य महादेव को बंद करना नहीं, जांच के नाम पर सिर्फ बयानबाजी करना और विपक्षों को बदनाम करना है। महादेव एप के साठगाठ कर पैसा वसूलना लक्ष्य बना लिया है। बहरहाल, अब देखना यहां होगा कि सीबीआई के जांच के बाद बहुचर्चित मामले के आरोपी और संरक्षण देने के खिलाफ कार्रवाई होती है या नहीं?