नई दिल्ली-राहुल गांधी लोकसभा सदस्य नहीं रहे। वायनाड की सीट खाली हो गई है, उपचुनाव कौन लड़ेगा तय नहीं। राहुल अगले 8 साल तक चुनाव लड़ पाएंगे, ये भी तय नहीं। अमेठी से कौन लड़ेगा, तय नहीं। इतनी सारी आशंकाओं के बीच कांग्रेस में भारी उथल-पुथल मची है। सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार 24 मार्च की शाम हुई मीटिंग में सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने ही पूरी सिचुएशन संभालने की जिम्मेदारी ली है।शुक्रवार दोपहर जैसे ही पता चला कि राहुल सांसद नहीं रहे, सोनिया गांधी और प्रियंका उनके घर पहुंचीं। एक नई रणनीति बनी, केस कैसे लड़ा जाए और जनता के बीच कैसे जाया जाए, दोनों मुद्दों पर बात हुई।सूत्रों के मुताबिक, वायनाड से प्रियंका गांधी के उपचुनाव लड़ने पर चर्चा हुई। केस की स्थिति के मुताबिक फैसला होगा, लेकिन राहुल नहीं तो प्रियंका ही होंगी। दूसरा, जनता के बीच सोनिया गांधी फिर से एक्टिव हो सकती हैं। वे इसे इमोशनल मुद्दा बनाने में मदद करेंगी। प्रियंका इसकी शुरुआत शुक्रवार को किए ट्वीट्स के जरिए कर चुकी हैं।