विज्ञानियों ने एक नए अध्ययन में पता लगाया है कि लंबे समय तक प्रदूषित वायु के संपर्क में रहने से कोविड-19 का खतरा बढ़ जाता है। यह अध्ययन ‘अकुपेशनल एंड एनवायरमेंटल मेडिसिन” नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। मामला पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) से जुड़ा हुआ है, जिसमें हर साल औसतन एक माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर का इजाफा हो रहा है। यह संक्रमण दर में पांच प्रतिशत की वृद्धि से संबंधित है। उत्तरी इटली के एक शहर के बाशिदों पर हुए अध्ययन में पाया गया कि संक्रमण्ा दर में पांच फीसद इजाफा हर साल प्रति एक लाख लोगों में 294 अतिरिक्त मामलों के बराबर है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इसके कारणों व प्रभाव की पुष्टि के लिए आगे और शोध की जरूरत है। अध्ययन निष्कर्ष प्रदूषण में कमी लाने के प्रयासों पर बल देता है। शाधकर्ताओं का कहना है कि लंबे समय तक प्रदूषित वायु के संपर्क में रहने से लगातार सूजन व प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने की समस्या आती है और इसके कारण सांस व दिल संबंधी बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। साफ है कि इन परिस्थितियों में कोरोना संक्रमण का खतरा भी अधिक हो जाता है।