जम्मू-कश्मीर में एक व्यक्ति ने अपने पिता के निधन पर पारिवारिक पेंशन पाने के लिए अपनी ही बीबी को अपने पिता की पत्नी यानी अपनी मां बता दिया। इस तरह झूठ के सहारे उसने करीब 9.50 लाख रुपये बीते कुछ वर्षों में बतौर पेंशन डकार गया। जम्मू-कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा ने मामले की चार साल तक जांच की। सभी सुबूत जमा करने के बाद अदालत में आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र भी दायर कर दिया। आरोपितों में सड़क एवं भवन निर्माण विभाग के पुलवामा डिवीजन के तत्कालीन एग्जीक्यूटिव इंजीनियर समेत चार कर्मी शामिल हैं।
पुलिस की अपराध शाखा के प्रवक्ता ने बताया कि वर्ष 2017 में एक शिकायत मिली थी कि पुलवामा जिले में लुरगाम की फाजी बेगम का पति अब्दुल रशीद लावे है। जिस दिवंगत व्यक्ति अब्दुल रहीम लावे की पत्नी होने के आधार पर वह पेंशन लाभ ले रही है, वह उसका ससुर था। इस नाते फाजी बेगम अब्दुल रहीम लावे की बहू है। अब्दुल रहीम की मौत से पहले ही उसकी पत्नी यानी अब्दुल रशीद की मां जाना बेगम की मौत हो चुकी थी। शिकायत की जांच की गई तो आरोप सही पाए गए। इसके आधार पर धोखाधड़ी और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने के मामले दर्ज किए गए।
अब्दुल रशीद खुद भी सड़क एवं भवन निर्माण विभाग की पुलवामा डिवीजन में तैनात था। उसके पिता अब्दुल रहीम भी इस विभाग में पुलवामा में काम करते थे। अब्दुल रहीम का निधन होने पर अब्दुल रशीद ने पिता की पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने के लिए एक साजिश रची। उसने अपनी पत्नी फाजी बेगम को अपनी मां यानी दिवंगत अब्दुल रहीम की पत्नी साबित करते हुए कुछ फर्जी दस्तावेज तैयार किए। इस फर्जीवाड़े में उसकी मदद सड़क एवं भवन निर्माण विभाग पुलवामा डिवीजन के तत्कालीन एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अली मुहम्मद वानी, तत्कालीन जूनियर इंजीनियर हरभजन सिंह, सह लेखाधिकारी एयाज मुश्ताक बट ने की। इसके बदले में इन्होंने मोटी रकम ली।