भारत के सबसे योग्य कुंवारे के रूप में देखे जाने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी का कहना है कि जब सही लड़की मिलेगी तो वह शादी कर लेंगे। लेकिन 52 वर्षीय कांग्रेस नेता के लिए समस्या यह है कि उनके माता-पिता की “”प्यारी शादी”” ने उनके लिए मानकों को बहुत ऊंचा कर दिया है।
यू-ट्यूब पर भोजन और यात्रा चैनल कर्ली टेल्स पर स्वतंत्र, हल्की-फुल्की बातचीत में गांधी ने अपने बड़े होने के वर्षों, अपनी भोजन वरीयताओं और अपने व्यायाम आहार सहित कई व्यक्तिगत मुद्दों पर चर्चा करने के लिए “केवल राजनीति” ट्रैक से स्विच किया। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वह शादी के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने अपने माता-पिता राजीव और सोनिया गांधी का जिक्र करते हुए कहा,”समस्या का एक हिस्सा यह है कि मेरे माता-पिता की शादी बहुत प्यारी थी और वे एक-दूसरे के साथ पूरी तरह से प्यार करते थे, इसलिए मेरा मानक बहुत ऊंचा है। जब सही लड़की मिलेगी। मैं शादी कर लूंगा। मेरा मतलब है कि अगर वह साथ आएगी, तो साथ आएगी। यह अच्छा होगा।” यह पूछे जाने पर कि क्या उनके पास उस व्यक्ति के लिए चेकलिस्ट है जिससे वह शादी करना चाहते हैं? जवाब में गांधी ने कहा, “नहीं, बस एक प्यार करने वाला व्यक्ति हो जो बुद्धिमान भी है।”” रविवार को कांग्रेस ने इंटरनेट मीडिया के अपने हैंडिल पर यह वीडियो इंटरव्यू पोस्ट किया है।
चिकन टिक्का, सीक कबाब पसंद
राहुल गांधी ने कहा कि वह भोजन के लिए हंगामा नहीं करते और जो भी उपलब्ध है खा लेते हैं। लेकिन उन्हें मटर और कटहल पसंद नहीं। जब वह घर पर होते हैं तो अपने खानपान को लेकर सख्त होते हैं, लेकिन भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उनके पास ज्यादा विकल्प नहीं है। वह मुख्यत: मांसाहारी हैं। उन्हें हर तरह का चिकन, मटन और सी फूड पसंद है। उनके पसंदीदा व्यंजनों में चिकन टिक्का, सीक कबाब और आमलेट शामिल है। तेलंगाना का खाना बहुत तीखा था। वह इतनी मिर्च नहीं खाते। घर पर बनने वाला दोपहर का भोजन अक्सर देसी होता है। लेकिन रात में वह कांटिनेंटल फूड पसंद करते हैं।
हार्वड और कैम्ब्रिज में की पढ़ाई
राहुल कश्मीरी पंडित परिवार से हैं जो इलाहाबाद में बस गया था। उनके दादाजी (फिरोज गांधी) पारसी थे, इसलिए वह मिक्सड हैं। दादी इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उनकी स्कूली शिक्षा घर पर ही हुई। उच्च शिक्षा का ब्योरा देते हुए उन्होंने बताया कि एक साल के लिए सेंट स्टीफेन में इतिहास पढ़ा। उसके बाद हार्वड यूनिवर्सिटी गए और अंतरराष्ट्रीय संबंधों व राजनीति की पढ़ाई की। मई, 1991 में उनके पिता की हत्या के बाद सुरक्षा कारणों से उन्हें फ्लोरिडा के रोलिस कालेज भेज गया। वहां उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संबंध और अर्थशास्त्र पढ़ा। उनके पास ब्रिटेन की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से डेवलेप्मेंटल इकोनामिक्स की मास्टर्स डिग्री भी है।
पहला वेतन 3000 पाउंड था
राहुल ने 24-25 साल की उम्र में लंदन में पहली कारपोरेट नौकरी मानीटर नाम की रणनीतिक सलाहकार कंपनी में की थी। उनका पहला वेतन करीब 2500-3000 पाउंड था। भारत जोड़ो यात्रा में हर दिन 25 किमी चलने के संबंध में उन्होंने कहा कि उन्हें स्कूबा डाइविंग, फ्री डाइविंग, साइकिल चलाना, बैकपैकिग और मार्शल आर्ट अकिदो बेहद पसंद है। वह यात्रा के दौरान भी मार्शल आर्ट क्लास में जाते हैं। उनके बिस्तर के सिराहने पर हमेशा रुद्राक्ष, भगवान शिव की फोटो और पर्स रहता है।