सेना की बैंड की मधुर ध्वनि और पुष्प बर्षा के बीच रुद्रनाथ डोली को रवाना की गईl गोपीनाथ मंदिर से गोपेश्वर गांव होते हुए मंडल मार्ग से डोली गंगोल गांव पहुंची, जहां ग्रामीणों ने डोली का विधि विधान से स्वागत और पूजा- अर्चना कर अर्क लगाया गयाl इसके पश्चात डोली सगर गांव पहुंची, वहां भी ग्रामीणों ने डोली की पूजा-अर्चना कर अर्क लगाने के साथ मनोतियां मांगी गईl
पहले दिन सांय को ल्वींठी बुग्याल पहुंचेगी और अगले दिन पनार बुग्याल से आगे बर्फीले क्षेत्र से गुजर कर 17 मई को रूद्रनाथ पहुंचेगी। भगवान रूद्रनाथ मंदिर के कपाट 18 मई को पौराणिक राीति रिवाजों और परंपराओं के बीच ग्रीष्मकाल के लिए श्रद्वालुओं के दर्शनों को खोले जाएंगे। चमोली जिले के गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर से 24 किलोमीटर की पैदल दूरी पर रुद्रनाथ मंदिर स्थित है। यहां भगवान शिव के मुख के दर्शन होते हैं। मंदिर के कपाट खोलने की प्रक्रिया जेष्ठ संक्रांति से शुरू हो जाती है, जबकि कार्तिक संक्रांति पर शीतकाल के लिए कपाट बंद कर दिए जाते हैं। इसी परंपरा के तहत भगवान रुद्रनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल गोपनाथ मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद भगवान की उत्सव डोली को रवाना किया गयाl