बलौदाबाजार जिले के पलारी विकासखंड के ग्राम पंचायत जारा में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना यानी मनरेग के अंतर्गत किए गए कार्य में गड़बड़ी की शिकायत सामने आई है। इस शिकायत की जांच करने के लिए जिला स्तरीय चार सदस्यीय टीम ग्राम पंचायत जारा पहुंची। जांच दल ने शिकायत के आधार पर मौके का निरीक्षण किया। साथ ही सरपंच सचिव शिकायतकर्ता एवं ग्रामीणों के समक्ष शिकायत बिंदु के आधार पर पूछताछ कर प्रतिवेदन तैयार किया गया। पूछताछ के दौरान मास्टर रोल में फर्जी नाम अंकित करने जैसी बात सामने आई।
ग्राम पंचायत जारा में मनरेगा समेत ग्राम पंचायत में विकास कार्य के नाम पर लाखों रुपये के घोटाले की शिकायत भुनेश्वर वर्मा और पंचों के द्वारा किया गया था। इसे लेकर पूर्व में दो बार जांच टीम जारा पहुंची थी, लेकिन ग्रामीणों के आपसी खींचतान के कारण जांच अधूरी रह गई। तीसरी बार जिला स्तरीय जांच दल का गठन किया गया, जिसमें जांच अधिकारी सहायक परियोजना अधिकारी केके साहू के नेतृत्व में 4 सदस्य टीम का गठन किया गया। टीम ने मौके पर जाकर जांच कर प्रतिवेदन तैयार किया है। इस दौरान जॉब कार्ड में गड़बड़ी को स्वीकारते हुए गांव में कैंप लगाकर जात कार्ड की त्रुटियों को सुधारने की बात कही गई है।
शिकायतकर्ता भुनेश्वर वर्मा ने बताया जांच टीम द्वारा ग्राम पंचायत जा कर शिकायत के आधार पर जांच किया, लेकिन जांच संतुष्टिजनक नहीं होने पर आगे शिकायत करने की बात कही। साथ ही सरपंच सचिव पर 60 लाख रुपये के गबन करने का आरोप लगाया है। इसकी शिकायत एसडीएम कार्यालय किया गया। इसके अलावा सरपंच द्वारा अपने ही बेटे को 6 लाख 44 हजार का वाउचर पेमेंट किया गया है। अपने ऊपर लगाए आरोपों को दरकिनार करते हुए वर्तमान सरपंच नारायण प्रसाद साव ने जांच टीम के द्वारा जो भी रिपोर्ट प्रस्तुत किया जाएगा उसे मानने की बात कहते हुए 60 लाख रुपये गबन के मामले में शिकायत कर्ताओं को साबित करने की बात कही साथ ही अपने पुत्र के खाते में ट्रेडर्स के नाम से पैसा डालने की बात को स्वीकार किया।