सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (एसआइआइ) ने कोविशील्ड को बूस्टर डोज के तौर पर लगाने के लिए दवा नियामक से मंजूरी मांगी है। कंपनी ने कहा कि देश में पर्याप्त संख्या में वैक्सीन उपलब्ध है और कोरोना वायरस के नए वैरिएंट के सामने आने के बाद बूस्टर डोज की जरूरत है।
एसआइआइ में सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने भारत के दवा महानियंत्रक (डीसीजीआइ) को इस संबंध में एक अर्जी दी है। सिंह ने कहा है कि ब्रिटेन की दवाएं एवं स्वास्थ्य देखभाल उत्पाद नियामक एजेंसी ने अपने यहां पहले ही एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को बूस्टर डोज के रूप में मंजूरी दे दी है। सीरम भी एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को भारत में कोविशील्ड के नाम से बनाती और बेचती है। उन्होंने कई अन्य देशों में भी बूस्टर डोज दिए जाने का हवाला दिया है।
सीरम ने इस साल कोवैक्स को एस्ट्राजेनेका की चार करोड़ डोज आपूर्ति करने का भी वादा किया है। वैश्विक वैक्सीन वितरण नेटवर्क कोवैक्स का सह नेतृत्व करने वाली एजेंसी गवी ने यह जानकारी दी है। एक दिन पहले ही केंद्र सरकार ने कहा था कि वह अफ्रीकी देशों को कोवैक्स या द्विपक्षीय आधार पर वैक्सीन की आपूर्ति को मंजूरी देने के लिए तैयार है।
सीरम ने कोवैक्स के साथ वैक्सीन की 55 करोड़ डोज सप्लाई करने का सौदा किया है। कोवैक्स के जरिये निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराया जाता है। पिछले हफ्ते कोवैक्स के जरिये ही नेपाल और ताजिकित्सान को वैक्सीन की 14 लाख डोज की सप्लाई की थी। सीरम ने नोवावैक्स की पहली खेप इंडोनेशिया भी भेजी है। नोवावैक्स वैक्सीन को अभी भारत में आपातकालीन उपयोग की मंजूरी नहीं मिली है।