संसद के शीतकालीन सत्र के सातवें दिन मंगलवार को गृहमंत्री अमित शाह ने तीनों क्रिमिनल बिल को वापस ले लिए। इनकी जगह तीन नए क्रिमिनल बिल लोकसभा में पेश किए गए। गौर हो कि संसदीय पैनल ने विधेयकों में सुधार की सिफारिश की थी। सरकार ने संशोधन लाने के बजाय बदलावों को शामिल करते हुए नए विधेयक लाने का फैसला किया। उधर, राज्यसभा में सीईसी, ईसी की नियुक्तियों, सेवा शर्तों को विनियमित करने वाला विधेयक ध्वनिमत से पास हो गया।
इससे पहले विपक्ष ने कहा था कि यह बिल सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दरकिनार करने लाया गया है। इससे चुनाव आयुक्तों का महत्व कम होगा। बिल के विरोध में सभी विपक्षी सांसद वॉकआउट कर गए। संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही अब बुधवार को सुबह 11 बजे से दोबारा शुरू होगी।
उधर, मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों से नियुक्ति से जुड़ा बिल राज्यसभा से पास हो गया है। कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने बिल पेश किया था। इसे चुनाव आयोग अधिनियम, 1991 की जगह लाया गया है। बिल को पारित करवाने के दौरान मेघवाल ने कहा कि नया कानून जरूरी हो गया है, क्योंकि पहले के कानून में कुछ कमजोरियां थीं। उन्होंने विपक्ष के आरोपों को खारिज कर दिया कि यह विधेयक सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दरकिनार करने के लिए लाया गया है।