प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा चूक की जिम्मेदारी सिख फॉर जस्टिस ने ली है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के 50 से अधिक वकीलों को इंटरनेशनल नंबर से कॉल कर दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा चूक के लिए वह जिम्मेदार हैं। इतना ही नहीं फोन करने वालों ने खुद को सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) से जुड़ा होने का दावा किया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट के सभी एडवोकेड आन रिकार्ड (AOR) वकीलों को फोन किया गया है।
एसएफजे ने दावा किया है कि हुसैनीवाला फ्लाईओवर पर उसी ने पांच जनवरी को अवरोध पैदा किया था, जिसमें प्रधानमंत्री का काफिला फंसा। इस संगठन ने धमकी देते हुए वकीलों से कहा है कि वे शीर्ष अदालत में इस इस केस को न लड़ें। एसएफजे लंदन के नंबर से वकीलों को फोन कर उन्हें धमकी दे रहा है। भारत में एसएफजे प्रतिबंधित है। एसएफजे का दावा है कि उसी ने लोगों को फ्लाईओवर तक पहुंचाया था। यह दावा यदि सही है तो पीएम मोदी की सुरक्षा को लेकर यह एक बड़ा खतरा है। एफएफजे की ओर से 40 से 50 वकीलों को कॉल किया गया है।
पंजाब सरकार की दलील है कि प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं था, लेकिन प्रतिबंधित संगठन का दावा पंजाब सरकार के तर्कों पर सवाल खड़े कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट के वकील राहुल कौशिक ने उन्हें धमकी भरा फोन आने की शिकायत की है। वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल से शिकायत की है।
‘सिख फॉर जस्टिस’ एक अलगाववादी संगठन है। भारत सरकार ने इसे प्रतिबंधित किया है। इस संगठन को साल 2007 में बनाया गया। अमेरिका से संचालित होने वाला यह संगठन भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त है। यह संगठन पंजाब में खालिस्तान बनाने की मांग करता है। इसके पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) से तार जुड़े हैं। इसका मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू है।
‘सिख फॉर जस्टिस’ एक अलगाववादी संगठन है। भारत सरकार ने इसे प्रतिबंधित किया है। इस संगठन को साल 2007 में बनाया गया। अमेरिका से संचालित होने वाला यह संगठन भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त है। यह संगठन पंजाब में खालिस्तान बनाने की मांग करता है। इसके पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) से तार जुड़े हैं। इसका मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू है।