अभूतपूर्व आर्थिक संकट व राजनीतिक अस्थिरता के दौर से गुजर रहे श्रीलंका की सरकार ने देश्ा में दूसरी बार लागू किए गए आपातकाल को करीब दो हफ्ते बाद को हटा लिया। प्रतिकूल हालात के बीच देश में जारी सरकार विरोधी प्रदर्शनों के मद्देनजर राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने आपातकाल लागू करने का फैसला किया था।
हिरू न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति के सचिवालय का कहना है कि आपातकाल मध्य रात्रि से ही हटा लिया गया है। देश में कानून-व्यवस्था की स्थितियों में सुधार के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। आपातकाल ने पुलिस व सुरक्षा बलों को निरोधात्मक कार्रवाई के तहत किसी भी नागरिक को हिरासत में लेने अथवा गिरफ्तार करने का अधिकार दे दिया था। गोटाबाया ने एक महीने बाद ही छह मई की मध्य रात्रि को देश में दूसरी बार आपातकाल लागू कर दिया था।
एएनआइ के अनुसार, श्रीलंका पुलिस के प्रवक्ता (पुलिस अधीक्षक) निहाल थलदुवा ने बताया कि जांच टीम को टेंपल ट्री व गाले फेस ग्रीन इलाके में प्रदर्शनकारियों पर हुए हमलों से जुड़ी 484 तस्वीरें और 73 वीडियो प्राप्त हुए हैैं। कोलंबो पेज ने थलदुवा के हवाले से बताया है कि पुलिस को कुल 669 सूचनाएं प्राप्त हुई हैैं, जिनमें 31 नुकसान से संबंधित हैैं। बता दें कि नौ मई को सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों व तत्कालीन प्रधानमंत्री महिदा राजपक्षे के समर्थकों में हिसक झड़पें हो गई थीं। इसमें 10 लोग मारे गए थे और करीब 200 घायल हुए थे। इसके बाद महिदा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।