
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) ने बेंचमार्क लेंडिंग रेट/बेस रेट में 0.1 प्रतिश्ात की बढ़ोतरी की है और अब यह बढ़कर 7.55 प्रतिशत हो गई है। नई दरें 15 दिसंबर से प्रभावी हो गई हैं। बैंक के इस कदम का अनुसरण अन्य बैंक भी कर सकते हैं। माना जा रहा है कि इससे आने वाले समय में खुदरा कर्ज महंगा हो जाएगा, क्योंकि इसके हिसाब से ही बैंक खुदरा कर्ज की दरें तय करते हैं।
एसबीआइ ने जनवरी, 2019 से रेपो रेट को एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट (ईबीएलआर) से जोड़ दिया था। एसबीआइ ने ईबीएलआर दरों में कोई बदलाव नहीं किया है और यह केंद्रीय बैंक आरबीआइ के बेंचमार्क ब्याज दर में बदलाव के साथ ऊपर-नीचे होती है। कुछ दिनों पहले आरबीआइ ने दिसंबर की मौद्रिक नीति में आरबीआइ ने रेपो रेट को चार प्रतिश्ात पर स्थिर रखने का फैसला किया है। यह लगातार नौवीं बार था जब केंद्रीय बैंक ने विकास दर को सहारा देने के लिए बेंचमार्क लेंडिंग रेट को स्थिर बनाए रखा था। एसबीआइ ने बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट में भी 0.10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। अब यह 12.20 से बढ़कर 12.30 प्रतिश्ात हो गई है। बैंक ने दो करोड़ रुपये से अधिक की एफडी (फिक्स्ड डिपाजिट) पर भी ब्याज दर 0.10 प्रतिश्ात की बढ़ोतरी की है।