कोरोना संकट के बीच भी चालू वित्त वर्ष में निवेशकों ने शेयर बाजार से भरपूर कमाई की है। वित्त वर्ष के महज चार महीनों में निवेशकों की संपत्ति 31,18,934.36 करोड़ रुपये बढ़ चुकी है। चालू वित्त वर्ष की शुरुआत यानी पहली अप्रैल से 30 जुलाई तक बीएसई का 30-शेयरों वाला सेंसेक्स 3,077.69 अंक यानी 6.21 फीसद चढ़ चुका है। हालांकि निवेशकों के सकारात्मक रुख के दम पर चालू वित्त वर्ष में सेंसेक्स 16 जुलाई को इंट्रा-डे में 53,290.81 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। वहीं, 15 जुलाई को यह 53,158.85 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर बंद हुआ।
चालू वित्त वर्ष की शुरुआत से 30 जुलाई को बाजार बंद होते वक्त तक बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 31,18,934.36 करोड़ रुपये बढ़कर 2,35,49,748.90 करोड़ रुपये पर जा पहुंचा। यह बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का अब तक का सर्वोच्च बाजार पूंजीकरण है। दूसरी तरफ, पिछले पूरे वित्त वर्ष यानी पहली अप्रैल, 2020 से 31 मार्च, 2021 तक बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 90,82,057.95 करोड़ रुपये बढ़कर 2,04,30,814.54 करोड़ रुपये पर पहुंचा था। कारोना संकट की सभी चुनौतियों को धता बताते हुए पिछले पूरे वित्त वर्ष के दौरान बीएसई-सेंसेक्स ने 20,040.66 अंकों यानी 68 फीसद की छलांग लगाई थी।
इक्विटी99 के सह-संस्थापक राहुल शर्मा ने कहा कि बाजार में पूंजी की उपलब्धता और तरलता शेयर बाजार के इस उछाल के प्रमुख कारण हैं। पिछले वर्ष की बिकवाली के बाद से शेयर बाजार का यह बेहतरीन प्रदर्शन है। मार्च, 2020 के निचले स्तर के मुकाबले शेयर बाजार अभी दोगुना से अधिक के स्तर पर हैं। वहीं, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार के अनुसार यह देखना महत्वपूर्ण है कि ईरान और मिस्र जैसे चुनिंदा बाजारों को छोड़कर इस वक्त दुनियाभर के बाजारों में उछाल दर्ज किया जा रहा है। इसकी मुख्य वजह यह है कि भारत समेत दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ने बाजार में खूब पूंजी डाली है। इस समय ब्याज दरें ऐतिहासिक रूप से नीचे हैं और खुदरा निवेशकों की भागीदारी जबर्दस्त है। जानकारों के मुताबिक कोरोना रोधी टीकाकरण अभियान में तेजी से भी बाजारों का रुख सकारात्मक हुआ है।
छोटे स्टाक्स कर रहे बड़ा कमाल : चालू वित्त वर्ष में अब तक छोटे स्टाक्स ने भी बड़ा कमाल किया है। पहली अप्रैल से 30 जुलाई तक स्मालकैप इंडेक्स 29.72 फीसद का उछाल ले चुका है। छोटे स्टाक्स के प्रदर्शन के अध्ययन से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष में अब तक मिडकैप इंडेक्स में 2,905.91 अंकों यानी 14.39 फीसद की बढ़ोतरी देखी जा चुकी है। इसके मुकाबले 30-श्ोयरों वाले सेंसेक्स में 6.21 फीसद का उछाल देखा गया है। एलकेपी सिक्युरिटीज के रिसर्च प्रमुख एस. रंगनाथन ने कहा कि छोटे शेयरों में निवेशकों को वैराइटी और सेक्टर के कई विकल्प मिल जाते हैं। इस वजह से निवेशकों के लिए छोटे स्टाक्स निवेश के लिए पसंदीदा विकल्प बने हैं। बीते वित्त वर्ष के दौरान भी बीएसई का स्मालकैप इंडेक्स 114.89 फीसद और मिडकैप 90.93 फीसद बढ़ा था। हालांकि सेंसेक्स में बीते वित्त वर्ष के दौरान 68 फीसद की विकास दर रही थी।
बड़े आंकड़े निर्धारित करेंगी बाजार की दिशा : इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा मुख्य रूप से बड़े आर्थिक आंकड़ों, प्रमुख कंपनियों के तिमाही नतीजों तथा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की समीक्षा बैठक के नतीजों पर निर्भर करेगी। जानकारों के अनुसार वैश्विक रुख तथा टीकाकरण से भी बाजार को दिशा मिलेगी।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि सोमवार से शुरू हो रहे सप्ताह के दौरान आरबीआइ अपनी मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक करेगा। इसके साथ ही मैन्यूफैक्चरिंग व सर्विस सेक्टर के पीएमआइ आंकड़े भी आने हैं, जो बाजार को राह दिखाएंगे।
इस सप्ताह एचडीएफसी, पीएनबी, अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन, बैक ऑफ इंडिया, भारती एयरटेल, एसबीआइ और महिंद्रा एंड महिंद्रा के तिमाही नतीजे आने हैं। इन सभी नतीजों का असर शेयर बाजार पर दिखेगा। सैमको सिक्युरिटीज की इक्विटी रिसर्च प्रमुख निराली शाह ने कहा कि इन सबके अलावा आटो सेक्टर की मासिक बिक्री आंकड़ों पर भी निवेशकों की नजर रहेगी और सेक्टर व स्टाक-केंद्रित गतिविधियां दिखेंगी। मानसून की चाल पर भी शेयर बाजारों की प्रतिक्रिया दिख सकती है। डालर के मुकाबले रुपये तथा कच्चे तेल में राहत से बाजार को फायदा दिखने की उम्मीद है।
छह कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 96,642 करोड़ रुपये घटा : पिछले सप्ताह बीएसई की शीर्ष 10 में से छह कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में संयुक्त रूप से 96,642.51 करोड़ रुपये की गिरावट देखी गई। इनमें सबसे ज्यादा कमी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआइएल) के बाजार पूंजीकरण में हुई। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), एचडीएफसी बैंक, हिंदुस्तान यूनीलिवर लिमिटेड (एचयूएल), एचडीएफसी तथा कोटक महिंद्रा बैंक का भी पूंजीकरण घटा। इन्फोसिस, आइसीआइसीआइ बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) और बजाज फाइनेंस अपना पूंजीकरण बढ़ाने में कामयाब रहे।
पिछले सप्ताह आरआइएल का बाजार पूंजीकरण्ा 44,249.32 करोड़ रुपये गिरकर 12,90,330.25 करोड़ रुपये रह गया। टीसीएस के पूंजीकरण्ा में 16,479.28 करोड़ रुपये की गिरावट आई और सप्ताह के आखिर में यह 11,71,674.52 करोड़ रुपये रह गया। कोटक महिंद्रा बैंक के पूंजीकरण में 13,511.93 करोड़ रुपये, एचडीएफसी बैंक में 8,653.09 करोड़ रुपये, एचडीएफसी में 7,827.92 करोड़ रुपये और एचयूएल में 5,920.97 करोड़ रुपये की गिरावट आई।