भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को रेपो रेट में 40 आधार अंकों की कटौती की घोषणा की। आरबीआई ने रेपो रेट 4.4 फीसदी से घटाकर चार फीसदी कर दिया है। इसके पहले मार्च में भी रेपो रेट में 75 बेसिस प्वॉइंट की कटौती की गई थी। आरबीआई गवर्नर कोरोना संकट से देश की अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए किए गए उपायों को लेकरएक प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे। रेपो रेट में कटौती से उम्मीद की जा रही है कि अब लोन सस्ते हो सकते हैं। वहीं, रिवर्स रेपो रेट में भी 40 बेसिस पॉइंट की कटौती करते हुए इसे 3.35% कर दिया गया है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा, 2020-21 में जीडीपी ग्रोथ नकारात्मक क्षेत्र में रहने की उम्मीद है। छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति ने ब्याज दर में 0.40 प्रतिशत कटौती के पक्ष में 5:1 से मतदान किया। भारत में मांग घट रही है, बिजली, पेट्रोलियम उत्पाद की खपत में गिरावट, निजी खपत में गिरावट दर्ज की जा रही है। कोरोना के प्रकोप के कारण निजी उपभोग को सबसे ज्यादा झटका लगा है। निवेश की मांग रुकी है। कोरोना के प्रकोप के बीच आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती के कारण सरकार का राजस्व बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
RBI गवर्नर ने आगे कहा, ‘दालों की कीमत में उछाल चिंता का विषय है। कृषि उत्पादन से सबको लाभ मिलेगा। WTO के मुताबिक, वैश्विक व्यापार 13 से 32 फीसदी तक घट सकता है। GDP ग्रोथ नेगेटिव रहने का अनुमान है। मानसून के सामान्य रहने का अनुमान है। कोरोना से निपटने के लिए देशभर में जारी लॉकडाउन की अवधि में केंद्रीय बैंक के गवर्नर यह तीसरी बार राहत के उपायों को लेकर प्रेसवार्ता कर रहे थे। इससे पहले उन्होंने 17 अप्रैल और 27 मार्च को कोरोना संकट को लेकर राहत के उपायों की घोषणा की थी।
क्या है रेपो रेट
रेपो वह रेट है, जिस पर रिजर्व बैंक दूसरे बैंकों को कर्ज देता है। कर्ज की मांग बढ़ने पर बैंक रिजर्व बैंक से उधार लेते हैं। इसके लिए उन्हें निर्धारित ब्याज चुकाना होता है। रेपो रेट में कटौती का मतलब है कि बैंकों को रिजर्व बैंक से कम दर पर लोन मिलेगा।
रेपो रेट में कमी का फायदा
आरबीआई जब रेपो रेट में कटौती करता है तो प्रत्यक्ष तौर पर बाकी बैंकों पर वित्तीय दबाव कम होता है। आरबीआई की ओर से हुई रेपो रेट में कटौती के बाद बाकी बैंक अपनी ब्याज दरों में कटौती करते हैं। इसकी वजह से आपके होम लोन और कार लोन की ईएमआई में कमी आती है। रेपो रेट कम होता है तो महंगाई पर नियंत्रण लगता है। ऐसा होने से देश की अर्थव्यवस्था को भी बड़े स्तर पर फायदा मिलता है। ऑटो और होम लोन क्षेत्र को फायदा होता है। रेपो रेट कम होने से कर्ज सस्ता होता है और उससे होम लोन में आसानी होती है।
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की प्रैस कॉन्फ्रेंस की मुख्य बातें
-RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि MPC ने रिपो रेट में कटौती का फैसला किया है, रिपो रेट में 40 बेसिस पॉइंट की कटौती हो गई है।
-दास ने कहा कि रिपो रेट 4.40 फीसदी से घटकर 4 फीसदी किया गया, रिवर्स रिपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है लेकिन टर्म लोन की ईएमआई वसूली तीन महीने तक टालने की बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को इजाजत दी गई है।
-RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि पहली छमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ 2020-21 में निगेटिव रहेगी हालांकि साल के दूसरे हिस्से में ग्रोथ में कुछ तेजी दिख सकती है।
-गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मार्च में कैपिटल गुड्स के उत्पादन में 36 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
-गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कंज्यूमर ड्यूरेबल के उत्पादन में 33 फीसदी की गिरावट हुई है तो वहीं ओद्योगिक उत्पादन में मार्च में 17 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है।
-दास ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग में 21 फीसदी की गिरावट हुई तो वहीं कोर इंडस्ट्रीज के आउटपुट में 6.5 फीसदी की कमी सामने आई है लेकिनखरीफ की बुवाई में 44 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जिससे खाद्य महंगाई फिर अप्रैल में बढ़कर 8.6 फीसदी हो गई है।
-हालांकि दालों की महंगाई चिंता का विषय है लेकिन उम्मीद की जा सकती है कि अगली छमाही में इसमें नरमी आ सकती है।
-दास ने कहा कि साल 2020-21 में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार 9.2 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज की गई और भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अभी 487 बिलियन डॉलर का है, -15,000 करोड़ रुपये का क्रेडिट लाइन एग्जिम बैंक को दिया जाएगा और सिडबी दी गई रकम का इस्तेमाल और 90 दिन कर सकता है।