
विमान यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ अब महंगी पड़ेगी। ऐसा करने वालों को एक करोड़
रुपये जुर्माना देना होगा। इस संबंध में संसद ने वायुयान (संशोधन) विधेयक, 2020 को मंजूरी दे दी। इस विधेयक के कानून बन जाने से विमान संचालन में सुरक्षा का स्तर बढ़ाने में सहायता मिलेगी।
यह विधेयक भारत की विमानन सुरक्षा रेटिंग में सुधार लाने के साथ नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए), नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) और वायुयान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआइबी) को वैधानिक दर्जा भी प्रदान करेगा। राज्यसभा ने बहस के बाद विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। लोकसभा में यह विधेयक 17 मार्च को ही पास हो गया था।
संसद के उच्च सदन में विधेयक को पेश करते हुए नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि इस विधेयक का मुख्य मकसद डीजीसीए समेत सभी तीनों प्रमुख एजेंसियों को वैधानिक आधार देना है। नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में जारी वृद्धि को देखते हुए ऐसा किया जाना जरूरी था।
इस विधेयक में नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने की रकम को बढ़ाकर एक करोड़ रुपये कर दिया गया है। इससे पहले 10 लाख रुपये जुर्माना और दो साल तक कैद की सजा का प्रावधान था। संशोधित विधेयक में सजा की अवधि में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इससे पहले 2007 में जुर्माने की रकम को 1000-2000 रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये किया गया था।